Feb 19, 2017

रेशम की डोरी-साजन १९६९

एक मस्त युगल गीत सुनते हैं फिल्म साजन से. इसमें आनंद बक्षी ने
तबियत से चौके छक्के लगाये हैं बोलों के. इमली के बूटे से ले कर
मलमल के कुर्ते तक सब कुछ है इस गीत में. मिश्री की डलियाँ कब आ
जाती हैं इस गाने में पता ही नहीं चलता. इंटरेक्टिव गीत है ये और
आपको शुरू से अंत तक बांधे रखता है.

गीत फिल्माया गया है आशा पारेख और मनोज कुमार पर. लक्ष्मी प्यारे ने
एक आकर्षक धुन बनाई है गीत के लिए और इस गीत का मैं भी एक मुरीद
हूँ. जाने क्यूँ इस गीत के बाद मुझे आटे की बोरी याद आ जाती है.

गीत  का वीडियो यूट्यूब से बार बार गायब होता रहता है क्यूंकि इस ब्लॉग
पर कुछ मकड़ियाँ और छिपकली जैसे जीव हमेशा चिपके रहते हैं और कुछ
ढूंढते रहते हैं. जैसे ही उनका काम पूरा हो जाता है पोस्ट के बीच की खिडकी
घोड़े की लीद जैसी दिखलाई देने लगती है.




गीत के बोल:

रेशम की डोरी होए
रेशम की डोरी
कहाँ जईहो निदिया चुरा के चोरी चोरी
रेशम की डोरी होए
रेशम की डोरी हो
कहाँ जईहो निदिया चुरा के चोरी चोरी
के रेशम की डोरी हाय
रेशम की डोरी
कहाँ जाऊंगी मैं
तू है चंदा मैं चकोरी
पीपल की छैयां
हो पीपल की छैयां
हो ओ तेरी मेरी एक जिंदडी
ओ मेरे सैयां
पीपल की छैयां
हो पीपल की छैयां
हो ओ ओ छोडूं मैं ज़माना
मैं ना छोडूं तेरी बैयाँ
पीपल की छैयां
हाय पीपल की छैयां

इमली के बूटे
हो इमली के बूटे
कल क्यूँ ना आये
मैं ना बोलूं जाओ झूठे
कल क्यूँ ना आये
मैं ना बोलूं जाओ झूठे
बड़ा मज़ा आये
मैं मनाऊँ और तू रूठे
और तू रूठे
कोठे पे आ री
हाय कोठे पे आ री
तेरे नाम कर दूं जिया
ले आ पटवारी
कैसा पटवारी
हो कैसा पटवारी
ऐ तू मेरा मैं तेरी
जाने ये दुनिया सारी
कैसा पटवारी
हो कैसा पटवारी

पर्वत पे झरना हो
पर्वत पे झरना
कोई सुन लेगा चुपके चुपके
बातें करना
कोई सुन लेगा चुपके चुपके
बातें करना
प्यार किया तो बदनामी से
क्या डरना
क्या डरना
कुरता मलमल का हो
कुरता मलमल का
आज तो जाती हूँ मैं
ले ले वादा कल का
कुरता मलमल का हाय
कुरता मलमल का
हो कल का भरोसा
क्या भरोसा नहीं पल का
कुरता मलमल का हाय
कुरता मलमल का

अम्बर पे तारे हाय
अम्बर पे तारे
जीने नहीं देंगे
तेरे नैना कजरारे
जीने नहीं देंगे
तेरे नैना कजरारे
जीना हो जिसे वो आये
क्यूँ प्रीतम के द्वारे
प्रीतम के द्वारे
मिश्री की डालियाँ हाय
मिश्री की डालियाँ
प्यार में कांटे हैं ज्यादा
थोड़ी कलियाँ
मिश्री की डालियाँ हो
मिश्री की डालियाँ
हो कांटे हो या कलियाँ
पी की गलियां
पी की गलियां
ऊंह हूँ हूँ हूँ हूँ
ऊंह हूँ हूँ हूँ हूँ
..........................................................................
Resham ki dori-Saajan 1969

Artists: Manoj Kumar, Asha Parekh

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP