आँखों का तारा प्राणों से प्यारा-आंसू १९५३
गीत में गिल्ली डंडे का जिक्र है अतः इसे गिल्ली डंडा
हिट भी कहा जा सकता है. गीत में जिस बच्चे का जिक्र
है वो गीत के अंत तक ससुराल जाने लायक हो जाता है.
कमर जलालाबादी की रचना है और हुस्नलाल भगतराम
का संगीत. लता मंगेशकर ने इसे गाया है. आहिस्ता से
गाया हुआ गीत है और कानों में गुदगुदी सी करता है.
गीत के बोल:
आँखों का तारा प्राणों से प्यारा
जुग जुग जिये मेरा लाल रे
मेरी उमरिया मिल जाये तुझको
जीत रहे सौ साल रे
आँखों का तारा प्राणों से प्यारा ...
पहले बरस मेरा नन्हा सा राजा
कूँ कूँ मूँ मूँ बोले रे
दूजे बरस बोले रोटी को लोती
मैय्या का दिल डोले रे
माँगे खिलौने गाड़ी घोड़े
जब के लगे तीजा साल रे
आँखों का तारा प्राणों से प्यारा
चौथे बरस खेले गिल्ली डण्डा
पैसे माँ से माँगे रे
नटखट राजा माँ को सताये
माँ पीछे वो आगे रे
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
पाठशाला में बाबू बन कर
जाये मेरा लाल रे
आँखों का तारा प्राणों से प्यारा
खुशियों की किरणें फैलाये जग में
पूनम का चंदा हमारा रे
बोले बाबुल ला दे दुल्हनिया
बेटा जवान है तुम्हारा रे
ओ मेरी मैय्या लाल दुशाला
बेटा चला ससुराल रे
आँखों का तारा प्राणों से प्यारा
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Aankhon ka taara-Aansoo 1953
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