आंखों में बसाया था-टक्कर १९९५
इस गीत का दूसरा तर्जुमा सुनते हैं कुमार सानू की आवाज़ में.
इसके बोल भी माया गोविन्द ने लिखे हैं और संगीत एक बार
फिर से अन्नू मलिक का ही है.
नयी फिल्मों में एक गीत दो रंग वाला कंसेप्ट अब दूसरे तरीके
से प्रस्तुत किया जाने लगा है-रिमिक्स, रिप्राईज़, सरप्राईज़ वर्ज़न
इत्यादि के रूप में आता है.
गीत के बोल:
हे हो ओ ओ हे हो ओ ओ
हे हे ला ला ला ला ला ला
आंखों में बसाया था
हाँ आंखों में बसाया था तुम्हें दिल में छुपाया था
आंखों में बसाया था तुम्हें दिल में छुपाया था
जब चाहूँ तुम्हें देखूँ आईना बनाया था
जब चाहूँ तुम्हें देखूँ आईना बनाया था
हे हो ओ ओ हे हो ओ ओ
हे ए ए
आंखों में बसाया था
आंखों में बसाया था तुम्हें दिल में छुपाया था
जब चाहूँ तुम्हें देखूँ आईना बनाया था
आंखों में बसाया था तुम्हें दिल में छुपाया था
आँखों में अन्धेरा है वीराना सेहरा है
ना जाने मेरा वो चांद किस शहर में उतरा है
जीने का बता तू ही अब क्या अरमान करूं
मर जाने का ऐ दिल कोई सामान करूं
इक साथ जियेंगे हम
हाँ इक साथ जियेंगे हम क्यों ख्वाब दिखाया था
इक साथ जियेंगे हम क्यों ख्वाब दिखाया था
जब चाहूँ देखूँ आईना बनाया था
हे हो ओ ओ हे हो ओ ओ
हे ए ए
क्या जान सकोगे तुम दिन कैसे गुज़रता है
इक पल भी नही गुजरे हां ऐसे गुज़रता है
ना चैन ही आता है ना नींद ही आती है
तेरी याद आती है आकर तड़पाती है
मैंने तो तुझे जानम
हाँ मैने तो तुझे जानम पलकों पे बिठाया था
मैने तो तुझे जानम पलकों पे बिठाया था
जब चाहूँ देखूँ आईना बनाया था
आंखों में बसाया था
हाँ आंखों में बसाया था तुम्हें दिल में छुपाया था
आंखों में बसाया था तुम्हें दिल में छुपाया था
जब चाहूँ तुम्हें देखूँ आईना बनाया था
हे हो ओ ओ हे हो ओ ओ
हे हे आ
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Aankhon mein basaya tha-Takkar 1995
Artist: Sunil Shetty
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