Mar 5, 2017

किसने ये सब खेल रचाया-धरती माता १९३८

आज के एल सहगल का गाया एक गीत सुनते हैं. फिल्म
का नाम है धरती माता. इस गीत के बोल पंडित सुदर्शन
के हैं और इसकी धुन बनाई है पंकज मलिक ने.

पंकज मालिक की उदारता के कई किस्से हैं. वे स्वयं एक
दमदार गायक थे और उन्होंने अपनी बढ़िया धुनें सहगल
को गाने को दीं. वे स्वयं भी गा के इन गीतों को फिल्म
में रखवा सकते थे.

धरती माता एक सार्थक फिल्म है और सामाजिक मुद्दों
पर बनने वाली प्रभावी फिल्मों में से एक. फिल्म के मुख्य
कलाकार हैं सहगल, जगदीश सेठी और उमा शशि.



गीत के बोल:

किसने
किसने ये सब खेल रचाया
किसने ये सब साज सजाया
अपने आप सभी कुछ कर के
अपना आप छुपाया
अपना आप छुपाया
किसने

कोमल कोमल प्यारे पौधे
कोमल कोमल प्यारे पौधे
धान पान मतवारे पौधे
इनके ऊपर आकर छिड़की
रंग-रूप की माया
इनके ऊपर आकर छिड़की
रंग-रूप की माया
अपने आप सभी कुछ कर के
अपना आप छुपाया
अपना आप छुपाया
किसने

अंधेरे में सोते थे ये
बिलकुल बेसुध होते थे ये
अंधेरे में सोते थे ये
बिलकुल बेसुध होते थे ये
नींद कुरी के मदमातों को
नींद से आन जगाया
नींद कुरी के मदमातों को
नींद से आन जगाया
अपने आप सभी कुछ कर के
अपना आप छुपाया
अपना आप छुपाया
किसने

हरा-भरा गुलज़ार खिला है
सरसों का संसार खिला है
देख देख मन में सुख होवत
अंखियन नूर समाया
देख देख मन में सुख होवत
अंखियन नूर समाया
अपने आप सभी कुछ कर के
अपना आप छुपाया
अपना आप छुपाया
किसने
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Kisne ye sab khel rachaya-Dharti Mata 1938

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