Mar 31, 2017

तेरे दरबार में मैया खुशी मिलती है-माता भजन

एक और माता भजन सुनते हैं लखबीर सिंह लक्खा
का गाया हुआ.



गीत के बोल:

तेरी छाया में तेरे चरणों में
मगन हो बैठूं तेरे भक्तों में

तेरे दरबार में मैया खुशी मिलती है
तेरे दरबार में मैया खुशी मिलती है
जिंदगी मिलती है रोतों को खुशी मिलती है
तेरे दरबार में

एक जब सी मस्ती तन मन पे छाती है
एक जब सी मस्ती तन मन पे छाती है
हर एक जुबां तेरे ओ मैया गीत गाती है
बजते सितारों से मीठी पुकारों से
बजते सितारों से मीठी पुकारों से
गूंजे जहाँ सारा तेरे ऊंचे जयकारों से
मस्ती में झूमें तेरा दर चूमे
तेरे चारों तरफ दुनिया ये घूमे
ऐसी मस्ती भी भला क्या कहीं मिलती है
जिंदगी मिलती है रोतों को खुशी मिलती है
तेरे दरबार में

ओ मेरी शेरों वाली माँ तेरी हर बात अच्छी है
मेरी शेरों वाली माँ तेरी हर बात अच्छी है
करनी की पूरी है माता मेरी सच्ची है
सुख दुःख बंटाती है अपना बनाती है
सुख दुःख बंटाती है अपना बनाती है

मुश्किल में हो बच्चे तो माँ ही काम आती है
रक्षा करती है भक्त अपने की
बात सच्ची करती उनके सपनों की
सारी दुनिया की दौलत यहीं मिलती है
जिंदगी मिलती है रोतों को खुशी मिलती है
तेरे दरबार में

रोता हुआ आये जो हँसता हुआ जाता है
ओ रोता हुआ आये जो हँसता हुआ जाता है
मन की मुरादों को वो पाता हुआ जाता है
किस्मत के मारों को रोगी बीमारों को
किस्मत के मारों को रोगी बीमारों को
कर दे भला चंगा मेरी माँ अपने दुलारों को
पाप कट जाएँ चरण छूने से
महकती है दुनिया माँ के दूने से
फिर तो माँ ऐसी कभी क्या कहीं मिलती है
फिर तो माँ ऐसी कभी क्या कहीं मिलती है
जिंदगी मिलती है रोतों को हंसी मिलती है
तेरे दरबार में मैया खुशी मिलती है
तेरे दरबार में मैया खुशी मिलती है
तेरे दरबार में मैया खुशी मिलती है
तेरे दरबार में मैया खुशी मिलती है
तेरे दरबार में मैया खुशी मिलती है
तेरे दरबार में मैया खुशी मिलती है
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Tere darbar mein maiya-Mata bhajan

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