चंदन सा बदन(लता)-सरस्वती चन्द्र १९६८
में भी उपलब्ध है. इसमें थोड़े से शब्द के फेर बदल किये हैं गीत
लिखने वाले इन्दीवर ने. ये भी उतना ही मधुर है जितना मुकेश
का गाया गीत मगर ये ज्यादा लोकप्रिय नहीं है.
फिल्म में संगीत कल्याणजी आनंदजी का है ये हम आपको पहले ही
बतला चुके हैं. गीत नूतन पर फिल्माया गया है.
गीत के बोल:
चन्दन सा बदन चंचल चितवन
धीरे से तेरा ये मुस्काना
चन्दन सा बदन चंचल चितवन
धीरे से तेरा ये मुस्काना
मुझे दोष न देना जगवालों
मुझे दोष न देना जगवालों
हो जाए अगर दिल दीवाना
चन्दन सा बदन चंचल चितवन
ये विशाल नयन, जैसे नील गगन
पंछी की तरह खो जाऊ मैं
सरहाना जो हो तेरी बाहों का
अंगारों पे सो जाऊं मैं
मेरा बैरागी मन डोल गया
मेरा बैरागी मन डोल गया
देखी जो अदा तेरी मस्ताना
चन्दन सा बदन चंचल चितवन
तन भी सुन्दर मन भी सुन्दर
तू सुन्दरता की मूरत है
किसी और को शायद कम होगी
मुझे तेरी बहुत जरुरत है
पहले भी बहुत दिल तरसा है
पहले भी बहुत दिल तरसा है
तू और ना दिल को तरसाना
चन्दन सा बदन चंचल चितवन
धीरे से तेरा ये मुस्काना
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Chandan sa badan(Lata)-Saraswati Chandra 1968
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