चुपके से रात की चादर-साथिया २००२
साथिया के इस गीत में. ऐ आर रहमान ने इस गीत के लिए
साधना सरगम की आवाज़ चुनी. साधना सरगम आजकल दक्षिण
भारत की फिल्मों में ज्यादा गीत गा रही हैं. हिंदी सिनेमा जगत
में २००० के बाद उनके गीत नहीं के बराबर सुनाई देते हैं.
गुलज़ार का गीत है और इसे विवेक ओबेरॉय और रानी मुखर्जी
पर फिल्माया गया है. इस गीत को सुन कर किसी पुराने गीत
की याद आती है मगर सूझ नहीं रहा वो कौन सा है.
गीत के बोल:
दोस्तो से
दोस्तो से झूठी-मूटी दूसरों का नाम ले के
फिर मेरी बातें करना
यारा रात से दिन करना
लम्बी जुदाई तेरी बड़ा मुश्किल है
आहों से दिल भरना
यारा रात से दिन करना
कब ये पूरी होगी दूर ये दूरी होगी
कब ये पूरी होगी दूर ये दूरी होगी
रोज़ सफ़र करना
यारा रात से दिन करना
चुपके से चुपके से रात की चादर तले
चाँद की भी आहट ना हो बादल के पीछे चले
जले कतरा-कतरा गले कतरा-कतरा
रात भी ना मिले आधी आधी
रात भी नहीं मिले आधी आधी ये
चुपके से लग जा गले रात की चादर तले
फ़रवरी की सर्दियों की धूप में
मूंदी-मूंदी अँखियों से देखना
हाथ की आड़ से
नीमी-नीमी ठण्ड और आग में
हौले-हौले मारवा के राग में
मीर की बात हो
दिन भी न डूबे रात ना आये
शाम कभी ना ढले
शाम ढले तो सुबह न आये
रात ही रात चले
चुपके से चुपके से रात की चादर तले
चाँद की भी आहट ना हो बादल के पीछे चले
दोस्तो से
दोस्तो से झूठी-मूटी दूसरों का नाम ले के
फिर मेरी बातें करना
यारा रात से दिन करना
लम्बी जुदाई तेरी बड़ा मुश्किल है
आहों से दिल भरना
यारा रात से दिन करना
कब ये पूरी होगी दूर ये दूरी होगी
कब ये पूरी होगी दूर ये दूरी होगी
रोज़ सफ़र करना
यारा रात से दिन करना
तुझ बिना पगली ये पुरवाई
तुझ बिना पगली ये पुरवाई
आ के मेरी चुनरी में भर गई
तू कभी ऐसे ही गले लग जैसे ये पुरवाई
आ गले लग जैसे ये पुरवाई
साथिया सुन तू
कल जो मुझको नींद ना आये पास बुला लेना
गोद में अपनी सर रख लेना लोरी सुना देना
चुपके से लग जा गले रात की चादर तले
चाँद की भी आहट ना हो बादल के पीछे चले
जले कतरा-कतरा गले कतरा-कतरा
रात भी ना मिले आधी आधी
रात भी नहीं मिले आधी आधी ये
चुपके से लग जा गले रात की चादर तले
चाँद की भी आहट ना हो बादल के पीछे चले
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Chupke se raat ki chadar-Saathiya 2002
Artists: Rani Mukerji, Vivek Oberoi
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