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Jan 23, 2018

नैना मिलाय के-साथिया २००२

गीत को विवरण की ज़रूरत नहीं. इसे तो यूँ ही सुन लें.
फिल्म साथिया से एक गीत आप सुन चुके हैं पूर्व में.
नैना मिलाये के-इन शब्दों को शायद खुसरो की रचना
ने सबसे ज्यादा लोकप्रिय कराया है.

गुलज़ार गीतकार हैं और ए आर रहमान संगीतकार. गीत
को दो गयिकओं ने गाया है-साधना सरगम और मधुश्री.




गीत के बोल:

नैना मिलाय के मोसे

झूठ कपट छल कीनी
मोसे नैना मिलाय के
पलकों में बंद कर लीनी

चिकनी माटी बिस आँगन
धड़ से फिसलवाय दीनी
सावन में बुलाय के
झूठ कपट छल कीनी
मोसे नैना मिलाय के

सुध बुध खोई होस उड़ाय हाय
छु मंतर कर दीनी
हमका छू के छुवाय के 
झूठ कपट छल कीनी
मोसे नैना मिलाय के

दिल की कचहरी मुकदमा चलाय है
हाँ मुजरिम हमें कर दीनी
बिना रपट लिखाय के
झूठ कपट छल कीनी
मोसे नैना मिलाय के
…………………………………………………..
Nain milaye ke-Saathiya 2002

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Jul 21, 2017

ओ हमदम सुनियो रे-साथिया २००२

पांच गायकों का गाया एक छोटा सा गीत सुनते हैं फिल्म
साथिया से. इसे संगीतकार रहमान के साथ के के, शान,
कुणाल गांजावाला और प्रवीण मणि ने गाया है. इसमें से
केवल आखिरी नाम वाले गायक का नाम अनसुना सा है.

रहमान नए नए गायकों से गीत गवा लेते हैं. इसी बहाने
कई प्रतिभाओं को मौका मिल जाता है. नए ज़माने में ये
ट्रेंड उन्हीं के नाम है. आजकल इस ट्रेंड का अनुसरण हो
रहा है. इस गीत को गुलज़ार ने लिखा है.




गीत के बोल:

ओ हमदम
ओ हमदम सुनियो रे
ओ जानिया सुनियो रे
ओ जानिया शाम को खिड़की से
चोरी चोरी नंगे पाँव चाँद आएगा
ओ हमदम सुनियो रे
ओ जानिया सुनियो रे
ओ जानिया शाम को खिड़की से
चोरी चोरी नंगे पाँव चाँद आएगा
ओ सुनियो रे ओ जानिया रे
ओ सुनियो रे ओ जानिया रे
ओ सुनियो रे ओ जानिया रे
ओ सुनियो रे ओ जानिया रे

धिम धिम ता ना ना धिम ता ना ना ना
ओ ओ ओ गलियों से आएगा
धिम धिम ता ना ना धिम ता ना ना ना
ओ ओ ओ सीटी बजाएगा
धिम धिम ता ना ना धिम ता ना ना ना
ओ ओ ओ नीम के पेड़ से
धिम धिम ता ना ना धिम ता ना ना ना
ओ ओ ओ पास बुलाएगा

ओ हमदम सुनियो रे
ओ जानिया सुनियो रे
ओ जानिया शाम को खिड़की से
चोरी चोरी नंगे पाँव चाँद आएगा
ओ सुनियो रे ओ जानिया रे
ओ सुनियो रे ओ जानिया रे
....................................................................
O hamdam soniyo re-Saathiya 2002

Artist: Vivek Oberoi

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Jul 7, 2017

चोरी पे चोरी-साथिया २००२

फिल्म साथिया से वाना-गोना वाला गीत सुनते हैं एक.

फिल्म:  साथिया
वर्ष: २००२
गीतकार: गुलज़ार
गायक: आशा भोंसले, कार्तिक, ब्लाज़
संगीत: ए.आर.रहमान



गीत के बोल:

चोरी पे चोरी चोरी पे चोरी
एक डकैती और सीना जोरी
चोरी पे चोरी हाँ चोरी पे चोरी
चोरी पे चोरी चोरी पे चोरी
हाथ पकड़ के उंगली मरोड़ी
तौबा तौबा तौबा यार मेरी तौबा
तौबा तौबा तौबा ये तो नहीं होगा

चोरी पे चोरी चोरी पे चोरी
कट्ठे की चुटकी चूने की बोरी
झूठी जहान की आफत है जान की
एक डकैती और सीना जोरी
तौबा तौबा तौबा यार मेरी तौबा
तौबा तौबा तौबा ये तो नहीं होगा

चोरी पे चोरी चोरी पे चोरी
चोरी पे चोरी चोरी पे चोरी
सीना जोरी सीना जोरी

दोस्तों बार बार तोड़ने की
बात भी पुरानी हो गयी
रात रात भर का इन्तजार भी
कहानी हो गयी
दिन का जलते रहना दोस्त
अब तो जिंदगानी हो गयी
इक रात मिलने की बाकी सुलगने की
सावन नहीं है कहीं
दो तीन लहरे है बाकी समंदर है
साहिल नहीं है कहीं
दो गज की कश्ती मीलों समंदर है
डूब डूब के जाना होगा
मीलों समंदर है वहाँ

चोरी पे चोरी चोरी पे चोरी
एक डकैती और सीना जोरी
हाथ पकड़ के उंगली मरोड़ी
तौबा तौबा तौबा यार मेरी तौबा
तौबा तौबा तौबा ये तो नहीं होगा


दोस्तों इक ख़याल के बगल में
कैसे सारी ज़िन्दगी गुजार दें
बने तो हम तेरे ख़याल को
लिबास की तरह उतार दें
इश्क विश्क का खुमार भी
उतार दीजिये ज़रा
जाने भी दो यार कैसे निभेगी
कैसे गुज़र होगा
ये एं वई के फेरे ये एं वई के चक्कर
प्यार भंवर होगा
दो गज की कश्ती मीलों समंदर है
डूब डूब के जाना होगा
मीलों समंदर है जहाँ

चोरी पे चोरी चोरी पे चोरी
कट्ठे की चुटकी चूने की बोरी
झूठी जहान की आफत है जान की
एक डकैती और सीना जोरी
तौबा तौबा तौबा यार मेरी तौबा
तौबा तौबा तौबा ये तो नहीं होगा
……………………………………………………………….
Chori pe chori-Saathiya 2002

Artists: Vivek Oberoi, Rani Mukherji

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Jul 5, 2017

ऐ उड़ी उड़ी-साथिया २००२

किसी समय के भारी भरकम रह चुके गायक ने ये गीत
गाया है साथिया से. स्वयं संगीत की काफी समझ वाले
इस गायक का दूसरे संगीतकार के संगीत निर्देशन में
गाना सुनने वाले के लिए अनूठा अनुभव हो सकता है.

गुलज़ार के बोल हैं और रहमान का संगीत. इस हिसाब
से ये पूर्ण हैवी वेट गीत हुआ. इससे हैवी वेट नाम जो
जुड़े हुए हैं.




गीत के बोल:

ऐ उड़ी उड़ी उड़ी ऐ ख़्वाबों की पुड़ी
ऐ अंग रंग खिली  ऐ सारी रात बोली

हल्की  ऐ हल्की कल रात जो शबनम गिरी
अँखियाँ वखियाँ भर गयीं कल तो हाथ में डब डब गिरी
पहली पहली बारिश की छींटें
पहली बारिश भीगी हो हो
उलझी हुयी थी  खुल भी गयी थी  लट
वो रात भर भरसी कभी मनाये 
खूब सताए वो  सब यार की मर्जी
ऐ उड़ी उड़ी उड़ी ऐ ख़्वाबों की पुड़ी

छेड़ दूं मैं कभी प्यार से तो  तंग होती है
छोड़ दूं  रूठ के  तो भी तो जंग होती है
छेड़ दूं मैं कभी प्यार से तो  तंग होती है
खामखा चूम लूं  तो भी तो जंग होती है
ज़िंदगी आँखों की  आयत है ज़िंदगी
आँखों में रखी है  तेरी अमानत है
ज़िंदगी ऐ ज़िंदगी ऐ ज़िंदगी
ऐ उड़ी उड़ी उड़ी ऐ ख़्वाबों की पुड़ी

लड़ लड़ के जीने को  ये लम्हें भी थोड़े हैं
मर मर के सीने में  ये शीशे जोड़े हैं
तुम कह दो  सब नाते मंजिल दो सोचो तो
अम्बर पे पहले ही सितारे थोड़े हैं
ज़िंदगी आँखों की आयत है ज़िंदगी
पलकों में चखी है  मीठी शिकायत
ज़िंदगी ऐ ज़िंदगी ऐ ज़िंदगी
ऐ उड़ी उड़ी उड़ी ऐ ख़्वाबों की पुड़ी
…………………………………………………..
Ae udi udi udi-Saathiya 2002

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Apr 30, 2017

चुपके से रात की चादर-साथिया २००२

चुपके से नाईट की बेड शीट का क्या हो रहा है सुनते हैं फिल्म
साथिया के इस गीत में. ऐ आर रहमान ने इस गीत के लिए
साधना सरगम की आवाज़ चुनी. साधना सरगम आजकल दक्षिण
भारत की फिल्मों में ज्यादा गीत गा रही हैं. हिंदी सिनेमा जगत
में २००० के बाद उनके गीत नहीं के बराबर सुनाई देते हैं.

गुलज़ार का गीत है और इसे विवेक ओबेरॉय और रानी मुखर्जी
पर फिल्माया गया है. इस गीत को सुन कर किसी पुराने गीत
की याद आती है मगर सूझ नहीं रहा वो कौन सा है.




गीत के बोल:

दोस्तो से
दोस्तो से झूठी-मूटी दूसरों का नाम ले के
फिर मेरी बातें करना
यारा रात से दिन करना
लम्बी जुदाई तेरी बड़ा मुश्किल है
आहों से दिल भरना
यारा रात से दिन करना
कब ये पूरी होगी दूर ये दूरी होगी
कब ये पूरी होगी दूर ये दूरी होगी
रोज़ सफ़र करना
यारा रात से दिन करना

चुपके से चुपके से रात की चादर तले
चाँद की भी आहट ना हो बादल के पीछे चले
जले कतरा-कतरा गले कतरा-कतरा
रात भी ना मिले आधी आधी
रात भी नहीं मिले आधी आधी ये
चुपके से लग जा गले रात की चादर तले

फ़रवरी की सर्दियों की धूप में
मूंदी-मूंदी अँखियों से देखना
हाथ की आड़ से
नीमी-नीमी ठण्ड और आग में
हौले-हौले मारवा के राग में
मीर की बात हो
दिन भी न डूबे रात ना आये
शाम कभी ना ढले
शाम ढले तो सुबह न आये
रात ही रात चले

चुपके से चुपके से रात की चादर तले
चाँद की भी आहट ना हो बादल के पीछे चले
दोस्तो से
दोस्तो से झूठी-मूटी दूसरों का नाम ले के
फिर मेरी बातें करना
यारा रात से दिन करना
लम्बी जुदाई तेरी बड़ा मुश्किल है
आहों से दिल भरना
यारा रात से दिन करना
कब ये पूरी होगी दूर ये दूरी होगी
कब ये पूरी होगी दूर ये दूरी होगी
रोज़ सफ़र करना
यारा रात से दिन करना

तुझ बिना पगली ये पुरवाई
तुझ बिना पगली ये पुरवाई
आ के मेरी चुनरी में भर गई

तू कभी ऐसे ही गले लग जैसे ये पुरवाई
आ गले लग जैसे ये पुरवाई
साथिया सुन तू
कल जो मुझको नींद ना आये पास बुला लेना
गोद में अपनी सर रख लेना लोरी सुना देना

चुपके से लग जा गले रात की चादर तले
चाँद की भी आहट ना हो बादल के पीछे चले
जले कतरा-कतरा गले कतरा-कतरा
रात भी ना मिले आधी आधी
रात भी नहीं मिले आधी आधी ये
चुपके से लग जा गले रात की चादर तले
चाँद की भी आहट ना हो बादल के पीछे चले
.................................................................................
Chupke se raat ki chadar-Saathiya 2002

Artists: Rani Mukerji, Vivek Oberoi

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