जवानी ये भरपूर-पहली नज़र १९४५
हैं. एक और सुन लेते हैं जिसे मुकेश और नसीम अख्तर ने
गाया है. सफ़दर आह सीतापुरी के बोल हैं और अनिल बिश्वास
का संगीत.
भारी और भरी आवाजों वाला ज़माना था वो और इस गीत में
दोनों गायकों की आवाजें बुलंद हैं.
गीत के बोल:
जवानी ये भरपूर दिलकश अदायें
जवानी ये भरपूर दिलकश अदायें
बताओ तुम्हे कैसे दिल से बचायें
बताओ तुम्हे कैसे दिल से बचायें
जवानी ये भरपूर दिलकश अदायें
जवानी ये भरपूर दिलकश अदायें
न बख़्शेगा कोई गुनाह-ए-मोहब्बत
न बख़्शेगा कोई गुनाह-ए-मोहब्बत
बड़ी गुफ़तर है ये राह-ए मोहब्बत
बड़ी गुफ़तर है ये राह-ए मोहब्बत
नीची निगाहें चुरा ले ना तुमको
नीची निगाहें चुरा ले ना तुमको
जवानी ये भरपूर दिलकश अदायें
जवानी ये भरपूर दिलकश अदायें
मिटाओ बड़े शौक़ से तुम मिटाओ
मिटाओ बड़े शौक़ से तुम मिटाओ
मगर पहले एक बात हमको बताओ
मगर पहले एक बात हमको बताओ
वफ़ा भी करोगे अगर तुमको चाहे
वफ़ा भी करोगे अगर तुमको चाहे
जवानी ये भरपूर दिलकश अदायें
जवानी ये भरपूर दिलकश अदायें
बताओ तुम्हे कैसे दिल से बचायें
बताओ तुम्हे कैसे दिल से बचायें
जवानी ये भरपूर दिलकश अदायें
जवानी ये भरपूर दिलकश अदायें
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Jawani ye bharpoor-Pehli nazar 1945
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