Apr 8, 2017

काहे को ब्याहे बिदेस-उमराव जान १९८१

फिल्म उमराव जान से अगला गीत पेश है. अमीर खुसरो की रचना
है. इस पारंपरिक रचना को कई कलाकारों ने समय समय पर अपने
अंदाज़ में प्रस्तुत किया है.

फिल्म उमराव जान के लिए इसे जगजीत कौर ने गाया है. गीत की
धुन खय्याम ने तैयार की है. फिल्म के अन्य गीतों की तरह ही ये
भी काफी लोकप्रिय हुआ है.



गीत के बोल:

काहे को ब्याहे बिदेस  अरे लखियाँ बाबुल मोरे
काहे को ब्याहे बिदेस  अरे लखियाँ बाबुल मोरे
काहे को ब्याहे बिदेस

हम तो बाबुल तोरे बेल की कलियां
हम तो बाबुल तोरे बेल की कलियां
अरे घर घर माँगे हैं जाए
अरे लखियाँ बाबुल मोहे
काहे को ब्याहे बिदेस  अरे लखियाँ बाबुल मोरे
काहे को ब्याहे बिदेस

हम तो बाबुल तोरे पिंजरे की चिड़िया
हम तो बाबुल तोरे पिंजरे की चिड़िया
अरे कुहुक कुहुक रही जाए
अरे लखियाँ बाबुल मोहे
काहे को ब्याहे बिदेस  अरे लखियाँ बाबुल मोरे
काहे को ब्याहे बिदेस

काहे को ब्याहे बिदेस  अरे लखियाँ बाबुल मोरे
काहे को ब्याहे बिदेस

महलां तले से डोला जो निकला
महलां तले से डोला जो निकला
अरे बीरन में खाए पछाड़
अरे लखियाँ बाबुल मोहे
काहे को ब्याहे बिदेस  अरे लखियाँ बाबुल मोरे
काहे को ब्याहे बिदेस

भैया को दियो बाबुल महलां दो महलां
भैया को दियो बाबुल महलां दो महलां
अरे हम को दियो परदेश
अरे लखियाँ बाबुल मोहे

काहे को ब्याहे बिदेस  अरे लखियाँ बाबुल मोरे
काहे को ब्याहे बिदेस  अरे लखियाँ बाबुल मोरे
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Kaahe ko byahe bides-Umrao Jaan 1981

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