Apr 8, 2017

जीवन के सफ़र में राही-मुनीमजी १९५५

आपने फिल्म मुनीमजी से अभी तक केवल एक ही गीत सुना
है इस ब्लॉग पर. आपको सुनवाते हैं अतिरिक्त ऊर्जा वाला एक
गीत किशोर कुमार का गाया हुआ.

देव आनंद और नलिनी जयवंत पर फिल्माया गया ये गीत तेज
गति वाला है. नायक और नायिका कार में सैर कर रहे हैं, उसी
हिसाब से गीत की धुन भी है. किशोर कुमार का गाया ये गीत
काफी लोकप्रिय है. इस गीत के बोल साहिर लुधियानवी के हैं. 

एक अनूठी बात ये है कि इस गीत को गुनगुनाते वक्त फिल्म
सवेरा का गीत-बिल्ली बोली म्याऊँ याद आ जाता है.



गीत के बोल:

जीवन के सफ़र में राही  मिलते हैं बिछड़ जाने को
और दे जाते हैं यादें तन्हाई में तड़पाने को
ओ हो ओ हो ओ हो ओ हो ओ हो ओ हो
जीवन के सफ़र में राही  मिलते हैं बिछड़ जाने को
और दे जाते हैं यादें तन्हाई में तड़पाने को

ये रूप की दौलत वाले  कब सुनते हैं दिल के नाले
ये रूप की दौलत वाले  कब सुनते हैं दिल के नाले
तक़दीर न बस में डाले  इनके किसी दीवाने को
जीवन के सफ़र में राही  मिलते हैं बिछड़ जाने को
और दे जाते हैं यादें तन्हाई में तड़पाने को

जो इनकी नज़र से खेले  दुख पाये मुसीबत झेले
जो इनकी नज़र से खेले  दुख पाये मुसीबत झेले
फिरते हैं ये सब अलबेले  दिल लेके मुकर जाने को
जीवन के सफ़र में राही  मिलते हैं बिछड़ जाने को
और दे जाते हैं यादें तन्हाई में तड़पाने को

दिल ले के दगा देते हैं  इक रोग लगा देते हैं
दिल ले के दगा देते हैं  इक रोग लगा देते हैं
हँस हँस के जला देते हैं  ये हुस्न के परवाने को
जीवन के सफ़र में राही  मिलते हैं बिछड़ जाने को
और दे जाते हैं यादें तन्हाई में तड़पाने को
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Jeevan ke safar mein(Kishore)-Munimji 1955


Artists: Dev Anand, Nalini Jaywant

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