May 22, 2017

कैसी हसीन आज बहारों की-आदमी १९६८

हिंदी सिनेमा में तरह तरह के अनूठे गीत हैं. सायलेंट से लगा
कर वोयलेंट तक सभी किस्म के गीत हैं. किसी में बोल हैं तो
किसी में केवल संगीत.

आज आपको एक अनूठा गीत फिल्म आदमी से सुनवाते हैं.
इसकी खासियत ये है कि ये रफ़ी और महेंद्र कपूर का साथ में
गाया हुआ एकमात्र हिंदी फ़िल्मी गीत है. इस गीत का रफ़ी
और तलत वाला वर्ज़न भी उपलब्ध है.

दिलीप कुमार और मनोज कुमार पर फिल्माया गया ये गीत
शकील ने लिखा है और नौशाद इसके संगीतकार हैं.



गीत के बोल:

कैसी हसीन आज बहारों की रात है
एक चाँद आसमां पे है एक मेरे साथ है
ओ देने वले तूने तो कोई कमी न की
अब किसको क्या मिला ये मुक़द्दर की बात है

छाया है हुस्न-ओ-इश्क़ पे एक रंग-ए-बेख़ुदी
छाया है हुस्न-ओ-इश्क़ पे एक रंग-ए-बेख़ुदी
आते हैं ज़िंदगी में ये आलम कभी कभी
हर ग़म भूल जाओ खुशी की बारात है
एक चाँद आसमां पे है एक मेरे साथ है

आई है वो बहार कि नग़मे उबल पड़े
ऐसी खुशी है कि आँसू निकल पड़े
होंठों पे हैं दुआएं मगर दिल पे हाथ है
अब किसको क्या मिला ये मुक़द्दर की बात है

मस्ती सिमट के प्यार के गुलशन में आ गई
मस्ती सिमट के प्यार के गुलशन में आ गई
मेरी खुशी भी आप के दामन में आ गई
भँवरा कली से दूर नहीं साथ साथ है
अब किसको क्या मिला ये मुक़द्दर की बात है

कैसी हसीन आज बहारों की रात है
एक चाँद आसमां पे है एक मेरे साथ है
................................................................................
Kaisi haseen aaj baharon ki-Aadmi 1968

Artists: Dilip Kumar, Manoj Kumar

0 comments:

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP