उफ़ ये बेकरार दिल-दिल और मोहब्बत १९६८
है बनिस्बत ‘उफ़’ शब्द के. वजह भी है एक उसकी. जिस शब्द
का भाव मन को ज्यादा भाता है उसका ज्यादा इस्तेमाल किया
जाता है. हर गीतकार की अपनी पसंद होती है मगर किसी गीत
में कभी कभी निर्माता निर्देशक की पसंद भी घुसेड दी जाती है.
जिसके पास पैसा हो वो सब कुछ करा सकता है. जिसकी लाठी
उसकी बफेलो.
आज सुनते हैं बेला बोस पर फिल्माया गया दिल और मोहब्बत
से एक गीत जिसे आशा भोंसले ने गाया है. शेवान रिज़वी के
बोल हैं और ओ पी नैयर का संगीत.
गीत के बोल:
उफ़
उफ़ ये बेक़रार दिल कहाँ लुटा ना पूछिये
हर निगाह चोर है जी नाम किसका लीजिये
उफ़
उफ़ ये बेक़रार दिल कहाँ लुटा ना पूछिये
हर निगाह चोर है जी नाम किसका लीजिये
उफ़
नज़र नज़र से मिल गई जबां से उफ़
नज़र नज़र से मिल गई जबां से उफ़ निकल गई
चली जो दिल को थाम कर तो आरजू मचल गई
ये कौन जादू कर गया
ये कौन जादू कर गया के दिल गया जिगर गया
हम आये थे इलाज को के दर्द और बढ़ गया
उफ़
उफ़ ये बेक़रार दिल कहाँ लुटा ना पूछिये
हर निगाह चोर है जी नाम किसका लीजिये
उफ़
हम अपने दिल को रोक लें मजाल क्या
हम अपने दिल को रोक लें हमारी क्या मजाल है
किसी को क्या बताएं हम जो आज दिल का हाल है
रात है शबाब पर नज़र झुकी है आप पर
रात है शबाब पर नज़र झुकी है आप पर
करेंगे दिल का फैसला हम आपके जवाब पर
उफ़
उफ़ ये बेक़रार दिल कहाँ लुटा ना पूछिये
हर निगाह चोर है जी नाम किसका लीजिये
उफ़
झुकी झुकी निगाह ने ये क्या किया
झुकी झुकी निगाह ने बिछा के जाल शाम का
चुपके चुपके कर लिया इरादा क़त्ले-आम का
हाय क्या अंधेर है ये किस्मतों का फेर है
हाय क्या अंधेर है ये किस्मतों का फेर है
अब हमारे क़त्ल में जी कहिये कितनी देर है
उफ़
उफ़ ये बेक़रार दिल कहाँ लुटा ना पूछिये
हर निगाह चोर है जी नाम किसका लीजिये
उफ़ उफ़
………………………………………………..
Uff ye bekarar dil-DIl aur mohabbat 1968
Artists: Joy Mukherji, Bela Bose
0 comments:
Post a Comment