मुझे तेरी ज़रुरत-एक विलेन २०१४
जाते हैं जैसे मिसाल दी जाती है-एक दाना ही काफी है,
पूरी बोरी टटोलने की क्या ज़रूरत है.
ज़रूरत शब्द से एक किशोर का गाया पुराना गाना है, बेहद
लोकप्रिय. इसके अलावा ज़रूरत शब्द से एक फिल्म भी
है सत्तर के दशक की जिसे बी. आर. इशारा ने बनाया था.
सुनते हैं मिथुन का लिखा और संगीतबद्ध किया एक गीत
फिल्म एक विलन से जिसे मुस्तफा ज़ाहिद गा रहे हैं.
गीत के बोल:
ये दिल तन्हा क्यूं रहे
क्यूं हम टुकड़ों में जियें
ये दिल तन्हा क्यूं रहे
क्यूं हम टुकड़ों में जियें
क्यूं रूह मेरी ये सहे
मैं अधूरा जी रहा हूँ
हरदम ये कह रहा हूँ
मुझे तेरी ज़रूरत है
मुझे तेरी ज़रूरत है
मुझे तेरी ज़रूरत है
अंधेरों से था मेरा रिश्ता बड़ा
तूने ही उजालों से वाक़िफ़ किया
अब लौटा मैं हूँ इन अंधेरों में फिर
तो पाया है खुद को बेगाना यहाँ
तन्हाई भी मुझसे खफा हो गई
बंजरों ने भी ठुकरा दिया
मैं अधूरा जी रहा हूँ
खुद पर ही इक सज़ा हूँ
मुझे तेरी ज़रूरत है
मुझे तेरी ज़रूरत है
तेरे जिस्म की वो खुशबुएं
अब भी इन सांसों में ज़िंदा है
मुझे हो रही इनसे घुटन
मेरे गले का ये फंदा है
हो तेरे चूड़ियों की वो खनक
यादों के कमरे में गूँजे है
सुन कर इसे आता है याद
हाथों में मेरे जंजीरें हैं
तू ही आ के इनको निकाल ज़रा
कर मुझे यहाँ से रिहा
मैं अधूरा जी रहा हूँ
ये सदायें दे रहा हूँ
मुझे तेरी ज़रूरत है
मुझे तेरी ज़रूरत है
मुझे तेरी ज़रूरत है
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Mujhe teri zaroorat-Ek villain 2014
Artists: Siddharth Malhotra, Shraddha Kapoor
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