साड्डे ते वेड़े बूटा-ग़दर २००१
एक कहावत आपने अक्सर सुनी होगी-हूर के साथ लंगूर.
गधी राबड़ी खा गयी वगैरह. इसी बात को अलग अलग
अंदाज़ में गीतकार भी प्रस्तुत करते रहे हैं.
गीत लिखा है आनंद बक्षी ने और इसकी धुन बनाई है
उत्तम सिंह ने. गीत गाया है प्रीति उत्तम ने. प्रीति संगीतकार
उत्तम सिंह की बेटी हैं.
गीत के बोल:
साड्डे ते वेड़े बूटा अंगूर दा
मुंडा ते लग्गे जिवें पेड़ खजूर दा
जोड़ी ए जच दी नईं वे
के अड़ेयो जोड़ी ए जच दी नईं
ओए कुड़ी ते साड्डी ए फुल गुलाब दा
मुंडा ते दस्सो पुत्तर केड़े नवाब दा
वे अड़ेयो जोड़ी ए जच दी नईं
साड्डे ते वेड़े बूटा अनार दा
मुंडा ते वेखो किवें अँखियां मारदा
जोड़ी ए जच दी नईं
के अड़ेयो जोड़ी ए जच दी नईं
साड्डे ते बागां विच पक गईयां अम्बियां
प्यार दियां रातां देखो हो गईयां लम्बियां
साड्डे ते मेहर करो
ओ रब जी आड्डे ते मेहर करो
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Sadde te vere boota angoor da-Gadar 2001
Artists: Sunny Deol, Amisha Patel
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