Jul 8, 2017

चेहरा है या चाँद खिला है-सागर १९८५

प्रस्तुत है सागर फिल्म का शीर्षक गीत. उपमा और
इडलियां जीवन में बहुत काम आते हैं. इनसे पेट तो
भरता ही है साहित्य की सेवा भी हो जाती है.

फिल्म सागर से तात्पर्य फिल्म में बार बार दिखाए
गए समुद्र से है और उसके किनारे रहने वाले एक
युवक के इर्द गिर्द फिल्म का कथानक घूमता है.
वो युवक एक लड़की से प्रेम करता है जो उस लड़की
को मालूम नहीं. आँखों के बहुत पास लायी गयी
या आ गयी किताब के अक्षर पढ़ने में नहीं आते.
ऐसा ही कुछ समझें, वो लड़की एक दूसरे लड़के से
प्रेम करती है. कहानी के दोनों पुरुष पात्र दोस्त
बन जाते हैं चूंकि एक को अंत में सेक्रिफाईस जो
करना है. फिल्म का रईस यु़क सब कुछ पा लेता
है और गरीब युवक से सब कुछ छिन जाता है.

ये गीत काफी लोकप्रिय है और किशोर कुमार के
बढ़िया रोमांटिक गीतों में शुमार किया जाता है.
जावेद अख्तर के बोल हैं और आर डी बर्मन का
संगीत.



गीत के बोल:

हो चेहरा है या चाँद खिला है
ज़ुल्फ़ घनेरी शाम है क्या
सागर जैसी आँखों वाली
ये तो बता तेरा नाम है क्या
चेहरा है या चाँद खिला है
ज़ुल्फ़ घनेरी शाम है क्या
सागर जैसी आँखों वाली
ये तो बता तेरा नाम है क्या

अरे तू क्या जाने तेरी खातिर
कितना है बेताब ये दिल
तू क्या जाने देख रहा है
कैसे कैसे ख्वाब ये दिल
दिल कहता है तू है यहाँ तो
जाता लम्हा थम जाए
वक़्त का दरिया बहते बहते
इस मंज़र में जम जाए
तूने दीवाना दिल को बनाया
इस दिल पर इल्ज़ाम है क्या
सागर जैसी आँखों वाली
ये तो बता तेरा नाम है क्या

हो आज मैं तुझसे दूर सही
और तू मुझसे अनजान सही
तेरा साथ नहीं पाऊं तो
खैर तेरा अरमान सही
ये अरमां है शोर नहीं हो
खामोशी के मेले हों
इस दुनिया में कोई नहीं हो
हम दोनों ही अकेले हों
तेरे सपने देख रहा हूँ
और मेरा अब काम है क्या
सागर जैसी आँखों वाली
ये तो बता तेरा नाम है क्या

चेहरा है या चाँद खिला है
ज़ुल्फ़ घनेरी शाम है क्या
सागर जैसी आँखों वाली
ये तो बता तेरा नाम है क्या
……………………………………….
Chehra hai ya chand khila hai-Sagar 1985

Artists: Rishi Kapoor, Dimple Kapadia

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