खुदा करे के मोहब्बत में-मेहँदी हसन ग़ज़ल
फिल्म अफशान के लिए तसलीम फाजली ने लिखा और
संगीत है नाशाद का.
गीत के बोल:
खुदा करे के मोहब्बत में ये मक़ाम आये
खुदा करे के मोहब्बत में ये मक़ाम आये
किसी का नाम लूँ लब पे तुम्हारा नाम आये
खुदा करे के मोहब्बत में ये मक़ाम आये
खुदा करे
कुछ इस तरह से जिये ज़िन्दगी बसर ना हुई
तुम्हारे बाद किसी रात की सहर ना हुई
सहर नज़र से मिले ज़ुल्फ़ ले के शाम आये
किसी का नाम लूँ लब पे तुम्हारा नाम आये
खुदा करे के मोहब्बत में ये मक़ाम आये
खुदा करे
खुद अपने घर में वो मेहमान बन के आये हैं
सितम तो देखिये अनजान बन के आये हैं
हमारी दिल की तड़प आज कुछ तो काम आये
किसी का नाम लूँ लब पे तुम्हारा नाम आये
खुदा करे के मोहब्बत में ये मक़ाम आये
खुदा करे
वही है साज़ वही गीत है वही मंज़र
हर एक चीज़ वही है नहीं हो तुम वो मगर
उसी तरह से निगाहें उठें सलाम आये
किसी का नाम लूँ लब पे तुम्हारा नाम आये
खुदा करे के मोहब्बत में ये मक़ाम आये
खुदा करे
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Khuda kare ke mohabbat mein-Mehdi Hasan
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