ओ रूपनगर के सौदागर-सजा १९५१
है. गीतों के उन पहलुओं की तरफ हमारा ध्यान जाने लगा है जिन
पर पहले गौर करने की हम ज़रूरत महसूस नहीं करते थे. श्रेणियाँ
एक ऐसा पहलू है जिसे अधिकाँश ग्रुप्स में रिटायर्ड लोगों, छात्रों और
किताब लिखने के शौक़ीन लोगों ने काफी आगे बढ़ाया. इनमें होता
ये कि ९०-१०० लोग मेहनत करते और एक आध इनकी मेहनत का
लाभ उठा के किताब छपवा लेता या वेबसाईट बना लेता.
अब इस गीत की बात करें तो इसके मुखड़े से संभावित श्रेणियाँ इस
प्रकार से हैं-रूप हिट, नगर हिट, सौदागर हिट. हालांकि इसमें रूपनगर
एक ही शब्द है मगर कुछ ज्ञानियों ने शब्द का संधि विच्छेद करते
हुए दो अलग श्रेणियों में इस गीत को शामिल कर लिया है. इसके
अलावा जो गीत के मूड और प्रकार से श्रेणियाँ बनती हैं वे तो अलग
ही हैं. प्रेम पर ही जनता ने कैसी कैसी श्रेणियाँ बनायीं हैं-२५ ग्राम प्रेम,
५० ग्राम प्रेम, १०० ग्राम प्रेम वगैरह.
सुनते हैं फिल्म सजा से एक और गीत जिसे गाया है लता मंगेशकर ने.
राजेंद्र कृष्ण गीतकार हैं और एस डी बर्मन संगीतकार. गौर फरमाएं इस
गीत में दो आवाजें हैं मगर आपको आसानी से समझ नहीं आएगा. जो
दूसरी गायिका हैं उनका नाम है प्रमोदिनी देसाई जिनकी आवाज़ लाता की
आवाज़ से मिलती जुलती है. प्रमोदनी लता से सीनियर सिंगर हैं. उन्होंने
४० के दशक में गाना शुरू किया था.
गीत के बोल:
ओ रूपनगर के सौदागर ओ रंग रंगीले जादूगर
आ अपना रंग जमाता जा जादू का खेल दिखाता जा
ओ रूपनगर के सौदागर ओ रंग रंगीले जादूगर
आ अपना रंग जमाता जा जादू का खेल दिखाता जा
मैं हूँ जादूगर मतवाला देखो मेरा खेल निराला
छोडूँ ऐसा तीर नज़र का तोडूँ तेरे दिल का ताला
हाय उड़ गया दिल मेरा फुर्र फुर्र
ओ रूपनगर के सौदागर ओ रंग रंगीले जादूगर
आ अपना रंग जमाता जा जादू का खेल दिखाता जा
वापस आजा गोरी के दिल भोली भोली छोरी के दिल
जल्दी कर जादूगर राजा आजा आजा जल्दी आजा
लो आ गया आ गया शुर्र शुर्र
ओ रूपनगर के सौदागर ओ रंग रंगीले जादूगर
आ अपना रंग जमाता जा जादू का खेल दिखाता जा
बड़े मज़े का खेल दिखाया जादूगर ने दिल भरमाया
जा रे जा रे जा रे दुल्हनिया तेरा साजन लेने आया
जा रे जा रे जा रे दुल्हनिया तेरा साजन लेने आया
जा तोहे बुलाये पिया का घर
ओ रूपनगर के सौदागर ओ रंग रंगीले जादूगर
आ अपना रंग जमाता जा जादू का खेल दिखाता जा
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O roopnagar ke saudagar-Saza 1951
Artist: Nimmi, Lalita Pawar ki door ki rishtedaar
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