मुसाफिर जाने वाले-ग़दर एक प्रेमकथा २००१
की श्रेणी वाला ये गीत लिखा है आनंद बक्षी ने. उदित नारायण
और प्रीति उत्तम ने इसे गाया है. इसका संगीत तैयार किया है
उत्तम सिंह ने.
गीत दिल की गहराइयों को छू लेने वाला है और इसमें कालजयी
बनने के लक्षण मौजूद हैं. समय बतलायेगा इसे कब तक निरंतर
सुना जाता रहेगा.
फिल्म का कथानक विभाजन के आसपास का है और इस गीत में
जो ढेर सारी जनता अलग अलग किस्म के साधनों पर और पैदल
जाती नज़र आ रही है वो इधर से उधर का आवागमन है और गीत
के बीच में ही उस टेंशन को दिखलाया भी गया है.
समय और ट्रेंड जैसा चल पड़ा है उस हिसाब से अगर इस फिल्म के
गीत याद नहीं भी रखे जाएँ जनता द्वारा तो भी सनी देवल द्वारा हैंडपंप
उखाड़ने वाला दृश्य ज़रूर याद रहेगा.
गीत के बोल:
मुसाफिर जाने वाले
मुसाफिर जाने वाले नहीं फिर आने वाले
चलो एक दूसरे को करें रब दे हवाले
मुसाफिर जाने वाले नहीं फिर आने वाले
चलो एक दूसरे को करें रब दे हवाले
हो आ आ, हा आ आ आ आ आ
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ
हो ओ ओ हो हो हो हो
बड़ी मुश्किल से दिल में अपने
बड़ी मुश्किल से दिल में अपने लोग बसते हैं कुछ सपने
ये सपने शीशे के खिलौने टूट के बस लगते हैं रोने
दिलों पे छ जाते हैं ये बादल काले काले
चलो एक दूसरे को करें रब दे हवाले
मुसाफिर जाने वाले नहीं फिर आने वाले
चलो एक दूसरे को करें रब दे हवाले
हो आ आ, हा आ आ आ आ आ
ओ दरिया दे पानियां ये मौजां फिर नहीं आनियां
ओ दरिया दे पानियां ये मौजां फिर नहीं आनियां
याद आयेंगी ओ याद आयेंगी बस जानेवालों की कहानियां
ओ दरिया दे पानियां ये मौजां फिर नहीं आनियां
ओ दरिया दे पानियां ये मौजां फिर नहीं आनियां
हो आ आ, हा आ आ आ आ आ
हां ना जाने क्या छूट रहा है
हो ओ ओ ना जाने क्या छूट रहा है
दिल में बस कुछ टूट रहा है
होंठों पर नहीं कोई कहानी फिर भी आँख में आ गया पानी
नहीं हम भूलने वाले नहीं हम भूलने वाले
चलो एक दूसरे को करें रब दे हवाले
मुसाफिर जाने वाले नहीं फिर आने वाले
चलो एक दूसरे को करें रब दे हवाले
मुसाफिर जाने वाले नहीं फिर आने वाले
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Musafir jaane wale-gadar 2001
Artists: Sunny Deol, Amisha Patel
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