कसम से कसम से-दो आँखें बारह हाथ १९९७
से संवारा है सोना पहनने के शौक़ीन संगीतकार बप्पी लहरी ने.
किन्नी सोणी और वड्डी हिट धुनें भी बनाई हैं उन्होंने.
गीत गाया है कुमार सानू और अलका याग्निक ने. ये गीत कसम
थीम पर आधारित है. गीत आपको ८० के दशक वाली जीतू-श्रीदेवी
की फिल्मों के गानों की यादें ताज़ा करवा देगा.
गीत के बोल:
ला ला लाई ला ला लेई
कसम से कसम से आशिकी है तुमसे
नज़र में है तू जिगर में है तू
पिछले जनम से
आ हा आ हा आ हा आ हा
कसम से कसम से आशिकी है तुमसे
नज़र में है तू जिगर में है तू
पिछले जनम से
आ हा आ हा आ हा आ हा
शर्म-ओ-हया का रुख से पर्दा हटा दो
ऐसा सुहाना मौसम यूँ ना गँवा दो
हो शर्म-ओ-हया का रुख से पर्दा हटा दो
ऐसा सुहाना मौसम यूँ ना गँवा दो
हो कह दो ना पवन से नीले गगन से
नज़र में है तू जिगर में है तू
पिछले जनम से
आ हा आ हा आ हा आ हा
कसम से कसम से आशिकी है तुमसे
नज़र में है तू जिगर में है तू
पिछले जनम से
आ हा आ हा आ हा आ हा
क़दमों में तेरे अपनी दुनिया बिछा दूं
हो चाहत में तेरे खातिर खुद को मिटा दूं
क़दमों में तेरे अपनी दुनिया बिछा दूं
अरे चाहत में तेरे खातिर खुद को मिटा दूं
पलकों के चिलमन से कह देंगे दुश्मन से
नज़र में है तू जिगर में है तू
पिछले जनम से
आ हा आ हा आ हा आ हा
कसम से कसम से आशिकी है तुमसे
नज़र में है तू जिगर में है तू
पिछले जनम से
आ हा आ हा आ हा आ हा
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Kasam se kasam se ashiqui hai-Do aankhen barah haath 1997
Artists: Govinda, Madhuvanti
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