आ जा के इंतज़ार में-हलाकू १९५६
के बाद बने गीतों में वो “किक’ वाला अनुभव नहीं हो पाता
है.
सुनते हैं फिल्म हलाकू से एक मधुर युगल गीत रफ़ी और
लता की आवाजों में. शैलेन्द्र का लिखा गीत है जिसकी धुन
तैयार की है शंकर जयकिशन की जोड़ी ने.
फिल्म के प्रमुख कलाकार हैं अजीत, मीना कुमारी और प्राण.
गीत के बोल:
आ जा के इन्तज़ार में जाने को है बहार भी
तेरे बगैर ज़िन्दगी दर्द बन के रह गई
अरमान लिये बैठे हैं हम सीने में है तेरा ही ग़म
अरमान लिये बैठे हैं हम सीने में है तेरा ही ग़म
तेरे दिल से प्यार की वो तड़प किधर गई
आ जा के इन्तज़ार में जाने को है बहार भी
तेरे बगैर ज़िन्दगी दर्द बन के रह गई
आ जा के इन्तज़ार में जाने को है बहार भी
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
दिल की सदा पे ए सनम बढ़ते गए मेरे कदम
दिल की सदा पे ए सनम बढ़ते गए मेरे कदम
अब तो चाहे जो भी हो दिल तुझे मैं दे चुकी
आ जा के इन्तज़ार में जाने को है बहार भी
हो ओ ओ तेरे बगैर ज़िन्दगी
तेरे बगैर ज़िन्दगी दर्द बन के रह गई
आ जा के इन्तज़ार में जाने को है बहार भी
..................................................................
Aa ja ke intezar mein-Halaku 1956
Artists: Ajit, Meena Kumari
0 comments:
Post a Comment