तोरे नैना रसीले-हमदर्द १९५३
प्रवाह से बहते मन्ना डे के गीत कोमलता से आपके मन को
गुदगुदाते हैं.
सुनते हैं अनिल बिश्वास की अद्भुत रचना फिल्म हमदर्द से जो
सन १९५३ में रिलीज़ हुई थी. गीत प्रेम धवन का लिखा हुआ
है. प्रेम धवन अपने समकालीनों की तरह गीत की हर विधा में
दक्ष थे. फिल्म इतिहास के कुछ सबसे बड़े गीत उनके नाम
भी दर्ज हैं.
प्रस्तुत क्लिप जिन महानुभाव ने अपलोड की है उसमें दो गीत
हैं. पहला वही है जो हम आपको आज सुनवा रहे हैं. परदे पर
गीत गा रहे हैं शेखर नाम के अभिनेता और नायिका को आप
पहचान ही गए होंगे-निम्मी.
गीत के बोल:
हो ओ ओ घायल करते हैं खुद ही
बदल गया रंग महफ़िल का
जब तुम महफ़िल में आये
बदल गया रंग महफ़िल का
जब तुम महफ़िल में आये
रंग उड़ा है फूलों का
दिल शमा का बैठा जाए
रंग उड़ा है फूलों का
इन नज़रों के आगे कोई
इन नज़रों के आगे कोई
इन नज़रों के आगे कोई
कैसे नज़र उठाये
हाँ कैसे नज़र उठाये
हाय राम कैसे नज़र उठाये
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
तोरे नैना रसीले कंटीले हाय राम
तोरे नैना रसीले कंटीले हाय राम
तोरे नैना
झूम रही है नागन जुल्फें मुख पर हलके हलके
झूम रही है नागन जुल्फें मुख पर हलके हलके
सर पे आँचल ढलका जाये
सर पे आँचल ढलका जाये
बैठो ज़रा संभल के
सर पे आँचल ढलका जाये
ना जाने क्या कर बैठे दिल
ना जाने क्या कर बैठे दिल
ना जाने क्या कर बैठे दिल मेरा आज मचल के
दिल मेरा आज मचल के
हाय दिल मेरा आज मचल के
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
तोरे नैना रसीले कंटीले हाय राम
तोरे नैना रसीले कंटीले हाय राम
तोरे नैना
यूँ मुंह फेर के तन जाना भी है एक अदा निराली
यूँ मुंह फेर के तन जाना भी है एक अदा निराली
और भी रंग ले आई मुख पे ये गुस्से की लाली
और भी रंग ले आई
इस लाली पे मैंने तो
इस लाली पे मैंने तो
इस लाली पे मैंने तो
दुनिया कुर्बान कर डाली
दुनिया कुर्बान कर डाली
हाय दुनिया कुर्बान कर डाली
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
तोरे नैना रसीले कंटीले हाय राम
तोरे नैना
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Tore naina raseele-Hamdard 1953
Artists: Shekhar, Nimmi
2 comments:
Wow. What a beauty!
Yes, indeed.
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