Oct 19, 2017

आई दिवाली आई दिवाली-रतन १९४४

ब्लॉग के सभी पाठकों को दीपावली के शुभ अवसर पर
शुभकामनाएं.

इस अवसर पर सुनते हैं एक विंटेज दिवाली गीत. गीत
के रचयिता हैं दीनानाथ मधोक. जोहरा बाई अंबालेवाली
ने इसे नौशाद की धुन पर गाया है.




गीत के बोल:

आई दिवाली  आई दिवाली
आई दिवाली  आई दिवाली
दीपक संग नाचे पतंगा
मैं किसके संग नाचूं बता जा
दीपक संग नाचे पतंगा
मैं किसके संग नाचूं बता जा
आई दिवाली  आई दिवाली

बचपन जवानी संग नाच के चला गया
बचपन जवानी संग नाच के चला गया
अब नाचे जवानी बुढापे संग वो दिन आ गया
अब नाचे जवानी बुढापे संग वो दिन आ गया
बिछड़े हुए साथी ज़रा आ
मैं किसके संग नाचूं बता जा
आई दिवाली  आई दिवाली

किसको गुमान था वो दिन यूँ गुज़र जाएँगे
किसको गुमान था वो दिन यूँ गुज़र जाएँगे
और एक बार जा के वो फिर लौट के ना आएँगे
और एक बार जा के वो फिर लौट के ना आएँगे
बिछड़े हुए साथी ज़रा आ
मैं किसके संग नाचूं बता जा
आई दिवाली  आई दिवाली
दीपक संग नाचे पतंगा
मैं किसके संग नाचूं बता जा
आई दिवाली  आई दिवाली
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Aayi diwali aayi diwali-Ratan 1944

Artist: Swarnlata

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