Oct 18, 2017

तुम न जाने किस जहां में-सज़ा १९५१

भाग्यवाद की दृष्टि से सोचें तो प्रकृति के कण कण का प्रारब्ध है.
फिल्म सजा में ढेर सारे गीत हैं मगर सबसे ज्यादा प्रसिद्धि पाई
इस गीत ने जिसे लता मंगेशकर ने गाया है. दर्दीला गीत है इस
वजह से ज्यादा प्रसिद्ध हुआ या इसकी धुन आकर्षक है इसलिए.
कोई साहिर की लेखनी का प्रेमी ज़रूर कहेगा इसके बोल उम्दा हैं
इसलिए ये पॉपुलर है.

गौरतलब है फिल्म में दो गीतकारों से गीत लिखवाए गए थे-साहिर
और राजेंद्र कृष्ण. साहिर का लिखा हुआ ये एकमात्र गीत है फिल्म
के लिए, बाकी के सारे राजेंद्र कृष्ण ने लिखे थे जिनमें से युगल
गीत-आ गुपचुप गुपचुप प्यार करें लोकप्रिय हुआ.



गीत के बोल:

तुम ना जाने  किस जहां में खो गए
तुम ना जाने  किस जहां में खो गए
हम भरी दुनियाँ में  तन्हा हो गए
तुम ना जाने  किस जहां में खो गए

मौत भी आती नहीं  आस भी जाती नहीं
दिल को ये क्या हो गया  कोई शै भाती नहीं
लूट कर मेरा जहां  छुप गए हो तुम कहाँ
लूट कर मेरा जहां  छुप गए हो तुम कहाँ
तुम कहाँ तुम कहाँ तुम कहाँ
तुम ना जाने  किस जहां में खो गए

एक जान और लाख गम  घुट के रह जाए ना दम
आओ तुमको देख लें  डूबती नज़रों से हम
लूट कर मेरा जहां  छुप गए हो तूम कहाँ
लूट कर मेरा जहां  छुप गए हो टॉम कहाँ

तुम कहाँ तुम कहाँ तुम कहाँ
तुम ना जाने  किस जहां में खो गए
हम भरी दुनियाँ में  तन्हा हो गए
तुम ना जाने  किस जहां में खो गए
………………………………………………………
Tum na jaane kis jahan mein-Saza 1951

Artist: Nimmi

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