इधर फिर भी आना-के एल सहगल
हैं एक गीत. इसे लिखा है आरजू लखनवी ने और धुन
किसी संगीतकार ने तैयार की है जिसका नाम आपको
खोजना है.
गीत के बोल:
इधर फिर भी आना उधर जाने वाले
अरे जी को बेचैन कर जाने वाले
छुरी फेर देना तो अच्छा था इस से
लगावट से मुँह फेर कर जाने वाले
गला काटना पहले फिर हाथ मलना
बड़े ढीठ निकले मुकर जाने वाले
ये है प्रीत की रीत बदलो न इसको
गले पहले मिलते हैं घर जाने वाले
कहीं आरज़ू क्यों दिखा दे न इक दिन
कि यूँ देखो मरते हैं मर जाने वाले
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Idhar phir bhi aana-KL Saigal Non film song
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