Oct 4, 2017

एक अँधेरा लाख सितारे-आखिर क्यों १९८५

रफ़ी के बाद हिंदी फिल्म संगीत जगत में जो रिक्तता
निर्मित हुई उसकी कुछ हद तक भरपाई शब्बीर कुमार,
मोहम्मद अज़ीज़ और अनवर ने करने की कोशिश की
मगर वो एक ऐसा स्थान है जिसे भर पाना संभव नहीं
है.

मोहम्मद अज़ीज़ के कुछ गीत उल्लखनीय हैं जिनमें से
एक है फिल्म आखिर क्यूँ का गीत. इसे फिल्माया गया
है राजेश खन्ना पर. फिल्म जनता हवलदार के दो गीत
जो अनवर ने गाये हैं उन्हें भी राजेश खन्ना पर फिल्माया
गया है. दोनों ही फिल्मों के संगीतकार राजेश रोशन हैं
और ये गीत जिनका हमने ऊपर उल्लेख किया अपने
समय के चर्चित गीत कहे जाते हैं.

सुनते हैं आखिर क्यों का गीत जिसे इन्दीवर ने लिखा है.



गीत के बोल:

एक अँधेरा लाख सितारे 
एक निराशा लाख सहारे
सबसे बड़ी सौगात हैं जीवन 
नादाँ है जो जीवन से हारे
एक अँधेरा लाख सितारे 
एक निराशा लाख सहारे
सबसे बड़ी सौगात हैं जीवन
नादाँ है जो जीवन से हारे
एक अँधेरा लाख सितारे 

दुनिया की ये बगिया ऐसी
जितने काँटे  फूल भी उतने
दुनिया की ये बगिया ऐसी
जितने काँटे  फूल भी उतने
दामन में खुद आ जायेंगे 
जिनकी तरफ तू हाथ पसारे

एक अँधेरा लाख सितारे 

बीते हुए कल की खातिर  तू
आने वाला कल मत खोना
बीते हुए कल की खातिर  तू
आने वाला कल मत खोना
जाने कौन कहां से आ कर 
राहें तेरी फिर से सवारे

एक अँधेरा लाख सितारे 

दुःख से अगर पहचान न हो तो
कैसा सुख और कैसी खुशियाँ
दुःख से अगर पहचान न हो तो
कैसा सुख और कैसी खुशियाँ
तूफानों से लड़ कर ही तो
लगते हैं साहिल इतने प्यारे

एक अँधेरा लाख सितारे 
एक निराशा लाख सहारे
सबसे बड़ी सौगात हैं जीवन 
नादाँ है जो जीवन से हारे
एक अँधेरा लाख सितारे 
.....................................................
Ek andhera laakh sitare-Aakhir kyon 1985

Artists: Rajesh Khanna, Smita Patil

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