ओ अरबपति की छोरी-मक्खीचूस १९५६
भरपूर होगा. सदा मुस्कुराने वाली अभिनेत्रियों में से के श्यामा
इसमें मौजूद हैं और मुस्कुराने में उन्होंने ज़रा भी कंजूसी नहीं
की है. उस ज़माने में मालूम नहीं कोलगेट का विज्ञापन अख़बारों
में आता था या नहीं ?
गीत का शुरूआती संगीत जैसा है वैसा अपने किसी ज़माने में
रेडियो पर ९.३० बजे रात में आने वाले कार्यक्रम हवामहल के
क्रियाकलापों के बीच में सुना होगा.
गीत फिल्माया गया है महीपाल और श्यामा पर. पंडित इन्द्र
गीतकार हैं और एरिक रॉबर्ट्स उर्फ विनोद इसके संगीतकार.
गीत के बोल:
ओ अरबपति की छोरी गोरी गोरी गोरी गोरी दिल्ली दूर नहीं
अजी हो दिल्ली दूर नहीं
कोई आया चोरी चोरी चोरी चोरी चोरी चोरी दिल्ली दूर नहीं
अजी हो दिल्ली दूर नहीं
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O arabpati ki chhoriMakkhichoos 1956
Artists: Mahipal, Shyama
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