Nov 8, 2017

आग पानी में लगी-झूला १९६२

लता मंगेशकर और मोहम्मद रफ़ी का गाया एक युगल गीत
सुनते हैं फिल्म झूला से. गाने की थीम है आग पानी में लगना.
गीत लिखा है राजेंद्र कृष्ण ने और इस गीत की धुन तैयार की
है सलिल चौधरी ने.

नाव में नायक, नायिका और उनके संगी साथी सैर कर रहे हैं.
गीत कि गति तेज हो जाती है अंत में उससे ऐसा लगता है
मानो गई भैंस पानी में, मगर ऐसा कुछ भी नहीं होता.



गीत के बोल:
के दिलजले होंगे यहाँ ओय ओय ऐसे
आग पानी में लगी होय होय कैसे
आग पानी में लगी होय होय कैसे
के हुस्न की नाव चली होय होय ऐसे
के हुस्न की नाव चली होय होय ऐसे
के हुस्न की नाव चली होय होय ऐसे

आया लहरों में धुंआ ओय ओय कैसे
आया लहरों में धुंआ ओय ओय कैसे
के दिलजले होंगे यहाँ ओय ओय ऐसे
के दिलजले होंगे यहाँ ओय ओय ऐसे
के दिलजले होंगे यहाँ ओय ओय ऐसे

आई कहाँ से जानें हाय इतनी तितलियाँ
आई कहाँ से जानें इतनी तितलियाँ
डर के रहना बन जायेंगी बिजलियाँ
डर के रहना बन जायेंगी बिजलियाँ
धूप में बिजली गिरी होय होय कैसे
धूप में बिजली गिरी होय होय कैसे
के हुस्न की नाव चली होय होय ऐसे
के हुस्न की नाव चली होय होय ऐसे
के हुस्न की नाव चली होय होय ऐसे

पानी की कमी नहीं आग़ बुझाते जाओ
पानी की कमी नहीं आग़ बुझाते जाओ
हम बुझाते जायें तुम लगाते जाओ
हम बुझाते जायें तुम लगाते जाओ
आज रोशन है जहाँ ओय ओय कैसे
आज रोशन है जहाँ ओय ओय कैसे
के दिलजले होंगे यहाँ ओय ओय ऐसे
के दिलजले होंगे यहाँ ओय ओय ऐसे
के दिलजले होंगे यहाँ ओय ओय ऐसे

आग पानी में लगी होय होय कैसे
आग पानी में लगी होय होय कैसे
के हुस्न की नाव चली होय होय ऐसे
के हुस्न की नाव चली होय होय ऐसे
के हुस्न की नाव चली होय होय ऐसे

आया लहरों में धुंआ ओय होय कैसे
आया लहरों में धुंआ ओय होय कैसे
के दिलजले होंगे यहाँ ओय ओय ऐसे
के दिलजले होंगे यहाँ ओय ओय ऐसे
के दिलजले होंगे यहाँ ओय ओय ऐसे
……………………………………………………………
Aag paani mein lagi-Jhoola 1962

Artists: Sunil Dutt, Vaijayantimala

0 comments:

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP