परदेसियों से ना अँखियाँ मिलाना-जब जब फूल खिले १९६५
सुनते हैं आज. रंगमंच से अपने अभिनय जीवन की शुरुआत करने
वाले शशि कपूर संसार के रंगमंच से विदा हो गए. पिछले काफी
दिनों से वे चमक दमक की दुनिया से दूर थे और बीमार थे.
सन १९६५ की ये फिल्म उनके कैरियर की सबसे पहली बड़ी हिट
फिल्म थी.
गीत आनंद बक्षी का है जिसे रफ़ी ने गाया है कल्याणजी आनंदजी की
धुन पर.
गीत के बोल:
परदेसियों से ना अँखियां मिलाना
परदेसियों से ना अँखियां मिलाना
परदेसियों को है इक दिन जाना
परदेसियों से ना अँखियां मिलाना
परदेसियों से ना अँखियां मिलाना
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
आती है जब ये रुत मस्तानी
आती है जब ये रुत मस्तानी
बनती है कोई न कोई कहानी
बनती है कोई न कोई कहानी
अब के बस देखे बने क्या फ़साना
परदेसियों से ना अँखियां मिलाना
परदेसियों से ना अँखियां मिलाना
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
सच ही कहा है पंछी इनको
सच ही कहा है पंछी इनको
रात को ठहरे तो उड़ जाएं दिन को
रात को ठहरे तो उड़ जाएं दिन को
आज यहाँ कल वहाँ है ठिकाना
परदेसियों से ना अँखियां मिलाना
परदेसियों से ना अँखियां मिलाना
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
बागों में जब जब फूल खिलेंगे
बागों में जब जब फूल खिलेंगे
तब तब ये हरजाई मिलेंगे
तब तब ये हरजाई मिलेंगे
गुज़रेगा कैसे पतझड़ का ज़माना
परदेसियों से ना अँखियां मिलाना
परदेसियों से ना अँखियां मिलाना
परदेसियों को है इक दिन जाना
परदेसियों से ना अँखियां मिलाना
परदेसियों से ना अँखियां मिलाना
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Pardesiyon se na ankhiyan milana-Jab jab phool khile 1965
Artist: Shashi Kapoor
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