परदेसियों से ना अँखियाँ(लता)-जब जब फूल खिले १९६५
शुरू हुआ था सन १९६१ की फिल्म चारदीवारी से. इसके बाद आई
मेहँदी लगी मेरे हाथ. नंदा उस समय की स्थापित अभिनेत्री थीं
मगर उन्होंने जब जब फूल खिले में भी शशि कपूर के साथ काम
किया. इस फिल्म में नंदा अपनी घरेलू और पारिवारिक छबि से
बाहर निकल कर एक आधुनिका के किरदार में नज़र आईं. ये
फिल्म कामयाब रही और इसके बाद शशि कपूर के साथ उनकी
कुछ फ़िल्में और आईं.
नंदा और शशि कपूर दोनों नए कलाकारों को प्रोत्साहन देने के लिए
जाने जाते थे. इसकी वजह दोनों की जीवन का संघर्ष रहा. फ़िल्मी
दुनिया के अच्छे लोगों की सूची में दो का नाम सदा रहेगा.
फिल्म का सबसे लोकप्रिय गीत लता की आवाज़ में भी मौजूद है.
इसके अंतरे अलग हैं मगर बोल बढ़िया है. फिल्म अभिनेत्री नंदा
को भी आज याद करते हुए ये गीत सुनते हैं.
गीत आनंद बक्षी का है जिसे लता ने गाया है और इस गीत की धुन
कल्याणजी आनंदजी न तैयार की है.
गीत के बोल:
परदेसियों से ना अँखियां मिलाना
परदेसियों से ना अँखियां मिलाना
परदेसियों को है इक दिन जाना
परदेसियों से ना अँखियां मिलाना
परदेसियों से ना अँखियां मिलाना
हा आ आ आ आ आ
हमने यही एक बार किया था
हमने यही एक बार किया था
एक परदेसी से प्यार किया था
एक परदेसी से प्यार किया था
ऐसे जला ये दिल जैसे परवाना
परदेसियों से ना अँखियां मिलाना
परदेसियों से ना अँखियां मिलाना
ये बाबुल का देस छुड़ाए
ये बाबुल का देस छुड़ाए
देस से ये परदेस बुलाये
देस से ये परदेस बुलाये
हाय सुने ना ये कोई बहाना
परदेसियों से ना अँखियां मिलाना
परदेसियों से ना अँखियां मिलाना
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Pardesiyon se na ankhiyan(Lata)-Jab jab phool khile 1965
Artist: Nanda
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