चले आओ चले आओ-मीत मेरे मन के १९९१
बना एक और गीत सुनते हैं सन १९९१ की अनजानी सी फिल्म
मीत मेरे मन के से.
मनहर उधास और सलमा आगा की आवाज़ है. गीत को लिखा है
रवींद्र रावल ने. सलमा आगा और फिरोज़ खान पर इसे फिल्माया
गया है.
गीत के बोल:
चले आओ चले आओ
चले आओ चले आओ
कोई वादा नहीं फिर भी निगाहें राह तकती हैं
तुम्हारा वो हसीं चेहरा ये कैसे भूल सकती हैं
चले आओ चले आओ
चले आओ चले आओ
तुम्हारी एक झलक देखी मगर बेताब हैं ऐसे
बड़ी प्यारी हमारी चीज कोई खो गयी जैसे
उसी दीदार की खातिर तम्मानाएं मचलती हैं
चले आओ चले आओ
कोई वादा नहीं फिर भी निगाहें राह तकती हैं
तुम्हारा वो हसीं चेहरा ये कैसे भूल सकती हैं
चले आओ चले आओ
चले आओ चले आओ
जिसे माँगा दुआओं में जिसे चाहा ख्यालों में
मिला वो ख्वाब तक बन के हमें दिन के उजालों में
नज़र की खुशनसीबी पर ये बाहें रश्क करती है
करीब आओ करीब आओ
करीब आओ करीब आओ
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Chale aao chale aao-Meet mere man ke 1991
Artists: Feroz Khan, Salma Agha
3 comments:
Thanks for dis one
Mujhe Ye GAANA BAHUT PASAND THA, Aaj BAHUT ARSE K BAAD AAJ YAHA AAP SE SUNNE KO MILA. Shukriya.
बॉबी और शब्बीर भाई
आपकी नज़रे-इनायत का शुक्रिया. ये अपने टाईम का ज़बरदस्त गाना है.
खूब सुनने को मिला है. बाबुल बोस जीना तेरी गली में फिल्म के बाद
वो धमाका नहीं कर पाये या यूँ कहें फिल्म उद्योग के गणित को अच्छे
से समझ नहीं पाये. फिल्म मीत मेरे मन के के बाकी गाने भी सुनने
लायक हैं.
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