इचक बीचक चुर्र-बावरे नैन १९५०
शमशाद बेगम ने गाया है. रौशन ने गीत की धुन बनाई है.
हल्का फुल्का गीत है ये. हास्य भी एक विधा है मगर इसका
प्रयोग संवादों में ज्यादा होता है और गीतों में कम. हास्य रस
वाले गीत को रसदार बनाना आसान नहीं है. किसी रोमांटिक
गीत को फिल्माना ज्यादा आसान है. कैसे भी आड़े टेढ़े पड़
जाओ प्यार मोहब्बत में सब जायज़ है.
गीत के बोल:
ऐ ईचक बीचक चुर्र
ऐ ईचक बीचक चुर्र
दिल उड़ गया बाबू फुर्र फुर्र
दिल उड़ गया बाबू फुर्र
ऐ ईचक बीचक
ऐ ईचक बीचक चुर्र
दिल उड़ गया बाबू फुर्र फुर्र
दिल उड़ गया बाबू फुर्र
शुरू शुरू में प्यार कहेगा तू दिलवर मैं जानी
धीरे धीरे
धीरे धीरे रोग बढ़ा तब याद आयेगी नानी
नज़र का तीर सीने में लगा गया दिल चीर
गया दिल चीर
मन उलझा उलझी दो अखियाँ हाय
मन उलझा उलझी दो अखियाँ अब क्या हो तस्वीर
ऐ ईचक बीचक
ऐ ईचक बीचक चुर्र
दिल उड़ गया बाबू फुर्र फुर्र
दिल उड़ गया बाबू फुर्र
अभी से एक के दो दो तुमको देने लगे दिखाई
सचमुच दोनो
सचमुच दोनो एक बने तो फिर क्या होगा भाई
बाँवरे नैन नैन न इनको नींद न इनको चैन
देखत हैं अब बाट किसी की होय
देखत हैं अब बाट किसी की ये पगले दिन रैन
ऐ ईचक बीचक
ऐ ईचक बीचक घुर्र
दिल उड़ गया बाबू फुर्र फुर्र
दिल उड़ गया बाबू फुर्र
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Ichak beechak churr-Bawre nain 1950
Artists: Cuckoo, Geeta bali, Raj Kapoor
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