बोल री सहेली-दर्शन १९४१
सहूलियत रहती है, विशेषकर जब आप ठन्डे पानी से नहा
रहे हों.
नौशाद के संगीत वाला मुग़ल-ए-आज़म के गीत से एक
पुराना गीत याद आ गया जो ज्योति और प्रेम अदीब का
गाया हुआ है पंडित इन्द्र इसके गीतकार हैं. प्रकाश पिक्चर्स
संस्था के लिए इसका निर्देशन चिमनलाल लुहार ने किया था.
प्रेम अदीब, ज्योति, भूडो आडवाणी, एम नजीर और प्रख्यात
नायिका-गायिका अमीरबाई कर्नाटकी इसके प्रमुख कलाकार
हैं.
गीत के बोल:
बोल री सहेली तू फिर बीना बन के बोल
बोल री सहेली तू फिर बीना बन के बोल
बोल री सहेली तू फिर बीना बन के बोल
हाँ
बोल री सहेली तू फिर बीना बन के बोल
जीवन का गीत सुनना के सब संसार
डोलत है जियरा मेरा सजनी
………………………………………………………………….
Bol ri saheli-Darshan 1941
0 comments:
Post a Comment