वो कौन है दुनिया में-जगजीत सिंह
एल्बम-लव इज ब्लाइंड में ये शामिल है.
सुख दुःख का चोली दामन का साथ है. एक समय में कोई
सुख होगा तो कोई दुःख भी होगा. छोटा बड़ा होना समय और
स्तिथि पर निर्भर है. एक ही दुःख किसी को बड़ा लगता है तो
किसी को छोटा.
कहने का अंदाज़ बदलता रहता है, मसले वही होते हैं इंसानी
दिमाग में घुमड़ने वाले. जैसे हवा चाहे कंप्रेसर से निकले या
टायर से हवा ही होती है. कभी वो अपने आप बहती है कभी
उसे कोई ज़बरदस्ती निकालता है. पी एच डी ३९ ग्राम बेसन
से बने भजिये पर की जाए या ४० ग्राम बेसन से बने पर,
वो कहलायेगी तो पी. एच. डी. ही. नकलची इसे खूब समझते
हैं.
गीत के बोल:
वो कौन है दुनिया में जिसे ग़म नहीं होता
वो कौन है दुनिया में जिसे ग़म नहीं होता
किस घर में खुशी होती है मातम नहीं होता
वो कौन है दुनिया में जिसे ग़म नहीं होता
ऐसे भी है दुनिया में जिन्हें ग़म नहीं होता
ऐसे भी है दुनिया में जिन्हें ग़म नहीं होता
एक ग़म है हमारा जो कभी कम नहीं होता
वो कौन है दुनिया में जिसे ग़म नहीं होता
क्या सुरमा भरी आँखों से आँसू नहीं गिरते
क्या सुरमा भरी आँखों से आँसू नहीं गिरते
क्या मेहंदी लगे हाथों से मातम नहीं होता
वो कौन है दुनिया में जिसे ग़म नहीं होता
कुछ और भी होतीं है बिगड़ने की अदायें
कुछ और भी होतीं है बिगड़ने की अदायें
बनने में सवरने में ये आलम नहीं होता
वो कौन है दुनिया में जिसे ग़म नहीं होता
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Wo kaun hai duniya mein-Jagjit Singh
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