आ दिल से दिल मिला ले-नवरंग १९५९
संगीत से संवारा है सी रामचन्द्र ने. पसंद करने वाले श्रोता और
पाठक हैं अमुक अमुक, फलाने ढिमके, यहाँ से वहाँ से, कहीं से भी
कोई भी नहीं.
काफी दिन से कोई फरमाईश नहीं आई और रेडियो आले अंदाज़ में
कुछ अनाउंसमेंट करने की खुजली सी हो रही थी सो हमने उसी
अंदाज़ में विवरण दे दिया.
सुनते हैं ये गीत. ये एक रीयल जेम है(real gem). अब ये जैम(jam)
सॉस, अचार और मुरब्बा में से क्या है वो तो आप ही समझिए.
गीतों पर कहीं कहीं लिखे विवरणों से मैं अभिभूत हो जाता हूँ.
गीत के बोल:
आ दिल से दिल मिला ले
आ दिल से दिल मिला ले इस दिल में घर बसा ले
ओ रसिया मन बसिया आ जा गले लगा ले
आ दिल से दिल मिला ले
दिल के चमन में कब से बुलबुल चहक रही है
दिल के चमन में कब से बुलबुल चहक रही है
फूलों के इस बदन में खुशबू महक रही है
फूलों के इस बदन में खुशबू महक रही है
कंगना में मेरे लाखों अरमाँ चमक रहे हैं
कंगना में मेरे लाखों अरमाँ चमक रहे हैं
अँगना में तेरे साजन
अँगना में तेरे साजन घुँघरू झनक रहे हैं
आ दिल से दिल मिला ले
चमकेंगे लाख चंदा ये रात फिर ना आये
चमकेंगे लाख चंदा ये रात फिर ना आये
होंगी हज़ार बातें ये बात फिर ना आये
होंगी हज़ार बातें ये बात फिर ना आये
साजन यूँ संग तन के मन साथ फिर ना आये
साजन यूँ संग तन के मन साथ फिर ना आये
नवरंग सा रंगीला
नवरंग सा रंगीला प्रभात फिर ना आये
आ दिल से दिल मिला ले
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Aa dil se dil mila le-Navrang 1959
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