याद आई है-नगीना १९५१
आपसे कई बार की वर्ड्स की बात की है अपने ब्लॉग पर. एक
ऐसा ही की वार्ड है याद. गौर फरमाएं आपको इस शब्द से
शुरू होने वाले कई गीत याद होंगे और उनमें से अधिकाँश गीत
लोकप्रिय होंगे.
सुनते हैं सन १९५१ की फिल्म नगीना से लता मंगेशकर का
गाया एक गीत जिसे हसरत जयपुरी ने लिखा है. इसकी धुन
तैयार की है शंकर जयकिशन की जोड़ी ने.
गीत के बोल:
याद आई है बेकसी छाई है
रो रही है ख़ुशी आँख भर आई है
याद आई है बेकसी छाई है
रो रही है ख़ुशी आँख भर आई है
आँसू भी पिये तेरी याद में हरदम
मर मर के जिये अब किससे कहें हम
हाय क्या हो गया वो कहाँ खो गया
दिल मेरा सो गया
ज़ालिम ज़माने न इतना सता
वो हैं कहाँ तू बता दे पता
ज़ालिम ज़माने न इतना सता
वो हैं कहाँ तू बता दे पता
आस मिटी मेरा चैन लुटा चैन लुटा
मिट गया है निशाँ लुट गया आशियाँ
मौत का है समाँ
तूफ़ान में है उल्फ़त का सफ़ीना
खोया है मेरे इस दिल का नगीना
प्यार तो ना हुआ दर्द दूर ना हुआ
साथ तू ना हुआ
याद आई है बेकसी छाई है
रो रही है ख़ुशी आँख भर आई है
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Yaad aayi hai-Nagina 1951
Artist: Nutan
2 comments:
मुझे कुछ गाने याद आये
१. याद किया दिल ने कहाँ हो-पतिता
२. याद आ रही है-लव स्टोरी
३. याद में तेरी जाग जाग के हम-मेरे महबूब
४. याद-ओं की बारात निकली-यादों की बारात
५. याद न जाए-दिल एक मंदिर
६. याद-ओं में वो-स्वामी
आपके कमेन्ट से हलचल हुई और थोड़ी जान आ गयी.
वीडियो का लिंक भी बदल दिया है. उम्मीद है अब
गाना देखने को नहीं तो कम से कम सुनने को तो मिलेगा.
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