कुछ कुछ कुछ हो रहा-लोफर १९९६
गीत सुनते हैं. पूर्णिमा और उदित नारायण के गाये इस गीत
की रचना समीर ने की है.
आनंद मिलिंद की सफल फिल्मों में से एक लोफर के सारे गीत
तो लोकप्रिय नहीं हुए मगर फिल्म का एक गीत जो दो संस्करण
में उपलब्ध है जनता ने काफी पसंद किया. ७० के दशक में जो
गीत लक्ष्मी प्यारे के संगीत से निकले होते थे और आम जनता
को पसंद होते थे लगभग वैसा ही काम आनंद मिलिंद ने ९० के
दशक में किया.
गीत के बोल:
कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ हो रहा है
दिल दिल दिल दिल दिल दिल खो रहा है
कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ हो रहा है
दिल दिल दिल दिल दिल दिल खो रहा है
समां जवान है प्यार का ज़रा मेरे करीब आ
कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ हो रहा है
दिल दिल दिल दिल दिल दिल खो रहा है
समां जवान है प्यार का ज़रा मेरे करीब आ
कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ हो रहा है
दिल दिल दिल दिल दिल दिल खो रहा है
भीगा बदन भीगी रात है
आँखों में ख्वाबों की बात है
भीगा बदन भीगी रात है
आँखों में ख्वाबों की बात है
पानी में गर्मी है आग है
गालों पे होंठों का दाग है
नई नई जवानियाँ रागों में रवानियाँ
कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ हो रहा है
दिल दिल दिल दिल दिल दिल खो रहा है
ना होश है ना ख्याल है
वल्लाह क्या तेरा जमाल है
ना होश है ना ख्याल है
वल्लाह क्या तेरा जमाल है
तन्हाइयों की तलाश है
साँसों में साँसों की प्यास है
खिला खिला गुलाब है शबाब लाजवाब है
कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ हो रहा है
दिल दिल दिल दिल दिल दिल खो रहा है
समां जवान है प्यार का ज़रा मेरे करीब आ
कुछ कुछ कुछ कुछ घुच पुच हो रहा है
दिल दिल दिल दिल दिल दिल खो रहा है
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Kuchh kuchh kuchh ho raha-Loafer 1996
Artists: Anil Kapoor, Juhi Chawla
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