धीरे धीरे सुबह हुई २-हैसियत १९८४
तो कभी कुछ बातें परमानेंट घाव जैसी बन जाया करती हैं और
भुलाये नहीं बनती.
आपको येसुदास का गाया एक गीत सुनवाया था २०१० में हैसियत
फिल्म से. उस गीत के बाद फिल्म के दूसरे गीतों का नंबर अभी
तक नहीं लगा. आज सुनते हैं इसी गीत का फीमेल संस्करण. इसे
वाणी जयराम ने गाया है.
फिल्म हैसियत के लिए इस गीत की धुन बप्पी लहरी ने बनाई है.
गीत फिल्माया गया है जया प्रदा पर. गीत लिखा है इन्दीवर ने.
गीत के बोल:
धीरे धीरे सुबह हुई जाग उठी ज़िंदगी
धीरे धीरे सुबह हुई जाग उठी ज़िंदगी
पंछी चले अम्बर को अम्बर को अम्बर को
माझी चले सागर को सागर को सागर को
प्यार का नाम जीवन है
मंज़िल है प्रीतम की गली
डूब के सूरज फिर निकला
सारे जहाँ को नूर मिला
दिल के द्वारे, तुमको पुकारे
एक नई ज़िंदगी
डूब के सूरज फिर निकला
सारे जहाँ को नूर मिला
दिल के द्वारे, तुमको पुकारे
एक नई ज़िंदगी
प्यार का नाम जीवन है
मंज़िल है प्रीतम की गली
धीरे धीरे सुबह हुई जाग उठी ज़िंदगी
आ, आ आ, आ आ
किरणों से दामन भर लो
प्रीत से तुम तन मन भर लो
जिसमें जितनी प्यास जगी
उतनी ही प्रीत मिली,
किरणों से दामन भर लो
प्रीत से तुम तन मन भर लो
जिसमें जितनी प्यास जगी
उतनी ही प्रीत मिली
प्यार का नाम जीवन है
मंज़िल है प्रीतम की गली
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Dheere dheere subah(female)-Haisiyat 1984
Artists: Jaya Prada, Jeetendra
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