Apr 4, 2018

वो पास रहें या दूर रहें-बड़ी बहन १९४९

हिंदी सिने संगीत इतिहास की सबसे पहली सफल जोड़ी
है हुस्नलाल भगतराम की. ४० और पचास के दशक में
इनके गीत खूब बजा करते थे.

हुस्नलाल भगतराम की सबसे सफल फिल्मों में से एक
है बड़ी बहन. इस फिल्म के अधिकाँश गीत लोकप्रिय की
श्रेणी में आते हैं. फिल्म में सुरैया और लता मंगेशकर के
गाये गीत ही ज्यादा हैं. फिल्म के लिए दो गीतकारों ने
गीत लिखे-राजेन्द्र कृष्ण और कमर जलालाबादी. भाषा
पर दोनों की बढ़िया पकड़ थी और दोनों ही सरलता से
अपनी बात कहने के लिए प्रसिद्ध रहे.




गीत के बोल:

वो पास रहें या दूर रहें
नज़रों में समाये रहते हैं
इतना तो बता दे कोई हमें
क्या प्यार इसी को कहते हैं
वो पास रहें या दूर रहें
नज़रों में समाये रहते हैं
इतना तो बता दे कोई हमें
क्या प्यार इसी को कहते हैं

छोटी सी बात मुहब्बत की
छोटी सी बात मुहब्बत की
और वो भी कही नहीं जाती
कुछ वो शरमाये रहते हैं
कुछ हम शरमाये रहते हैं

वो पास रहें या दूर रहें
नज़रों में समाये रहते हैं
इतना तो बता दे कोई हमें
क्या प्यार इसी को कहते हैं

मिलने की घड़ियाँ छोटी हैं
मिलने की घड़ियाँ छोटी हैं
और रात जुदाई की लम्बी
जब सारी दुनिया सोती है
हम तारे गिनते रहते हैं

वो पास रहें या दूर रहें
नज़रों में समाये रहते हैं
इतना तो बता दे कोई हमें
क्या प्यार इसी को कहते हैं
…………………………………………………….
Wo paas rahen ya door rahen-Badi behan 1949

Artist: Suraiya

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