May 26, 2018

जिसे देख मेरा दिल धड़का-फूल और कांटे १९९१

फिल्म के शीर्षक को कई बार हम कथानक में खोजते हैं. जैसे फिल्म
फूल और कांटे में शीर्षक का तात्पर्य नायिका और खलनायक से है
या जीवन में आने वाले उतार चदाव से ये तो फिल्म देखने वाले ही
बता सकते हैं.

सुनते हैं फिल्म से एक गीत जिसमें कॉलेज का जिक्र है. समीर के
लिखे गीत को कुमार सानू ने गाया है नदीम श्रवण की धुन पर.




गीत के बोल:

जिसे देख मेरा दिल धड़का मेरी जान तड़पती है
जिसे देख मेरा दिल धड़का मेरी जान तड़पती है
कोई जन्नत की वो हूर नहीं मेरे कॉलेज की एक लड़की है
कोई जन्नत की वो हूर नहीं मेरे कॉलेज की एक लड़की है
जिसे देख मेरा दिल धड़का मेरी जान तड़पती है
कोई जन्नत की वो हूर नहीं मेरे कॉलेज की एक लड़की है

ये मोरनी के जैसी चले इसकी अदाएं क़ातिल बड़ी
ये मोरनी के जैसी चले इसकी अदाएं क़ातिल बड़ी
निकले जिधर से खुशबू उड़े कितनी हसीं है ये गुलछड़ी
निकले जिधर से खुशबू उड़े कितनी हसीं है ये गुलछड़ी
कुछ आज है होने वाला मेरी आँख फड़कती है
कोई जन्नत की वो हूर नहीं मेरे कॉलेज की एक लड़की है
कोई जन्नत की वो हूर नहीं मेरे कॉलेज की एक लड़की है

मुझको ये मेरी लैला लगे हे इसपे लुटा दूँ मैं ज़िन्दगी
मुझको ये मेरी लैला लगे हे इसपे लुटा दूँ मैं ज़िन्दगी
जी चाहे इसके लब चूम लूँ हँस के चुरा लूँ इसकी हँसी
जी चाहे इसके लब चूम लूँ हँस के चुरा लूँ इसकी हँसी
इसे छू के मेरी साँसों में कोई आग दहकती है
कोई जन्नत की वो हूर नहीं मेरे कॉलेज की एक लड़की है
कोई जन्नत की वो हूर नहीं मेरे कॉलेज की एक लड़की है

जिसे देख मेरा दिल धड़का मेरी जान तड़पती है
कोई जन्नत की वो हूर नहीं मेरे कॉलेज की एक लड़की है
मेरे कॉलेज की एक लड़की है
मेरे कॉलेज की एक लड़की है
…………………………………………………….
Jise dekh mera dil dhadka-Phool aur kaante 1991

Artists: Ajay Devgan, Madhu

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