May 31, 2018

ओ साथी रे(किशोर)-मुक़द्दर का सिकंदर १९७८

१९७८ में अमिताभ की दो प्रमुख फ़िल्में आयीं-त्रिशूल
और मुक़द्दर का सिकंदर. मुझे ध्यान है कि अमिताभ की
फ़िल्में कुछ चुनिन्दा सिनेमा घरों में लगा करती थीं. ये
सिनेमा मालिकों का शगल था या वितरकों की कलाकारी
इस पर खुलासा किसी सिनेमा हॉल वाले ने नहीं किया.

ये बेहतर स्तिथि वाले सिनेमा घर होते थे. एक बार यहाँ
फिल्म लग के उतर जाए उसके बाद खटारा सिनेमा गृहों
का नंबर लगता था. ये कुछ ऐसा ही था जैसे नयी बनियान
पहनने के बाद उतार कर किसी दूसरे को दे दी गयी हो.




गीत के बोल:

ला ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
हूं हूं

ओ साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना
ओ साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना
फूलों में कलियों में सपनों की गलियों में
फूलों में कलियों में सपनों की गलियों में
तेरे बिना कुछ कहीं ना
तेरे बिना भी क्या जीना
ओ साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना

हर धड़कन में प्यास है तेरी साँसों में तेरी खुशबू है
इस धरती से उस अम्बर तक मेरी नज़र में तू ही तू है
प्यार ये टूटे ना
प्यार ये टूटे न तू मुझसे रूठे न साथ ये छूटे कभी न
तेरे बिना भी क्या जीना

ओ साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना

तुझ बिन जोगन मेरी रातें तुझ बिन मेरे दिन बंजारन
मेरा जीवन जलती बूँदें बुझे-बुझे मेरे सपने सारे
तेरे बिना मेरी
तेरे बिना मेरी मेरे बिना तेरी ये ज़िंदगी ज़िंदगी ना
तेरे बिना भी क्या जीना

ओ साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना
…………………………………………………
O sathi re(Kishore)-Muqaddar ka sikandar 1978

Artists: Amitabh Bachchan, Rakhi

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