मामैया केरो केरो-अर्जुन १९८५
१९८५ की ही फिल्म है नाम है अर्जुन. सनी देवल नायक हैं
इस फिल्म के और उनके साथ साइड किक के रूप में तीन
अन्य कलाकार भी हैं. राजनीति के दुश्चक्रों पर आधारित है
ये फिल्म और इसमें बतलाया गया है किस तरह से युवा
पीढ़ी की ऊर्जा नकारात्मक कार्यों में बर्बाद की जाती है और
ज़रूरत खत्म होने के बाद उन्हें अम् की गुठली की तरह चूस
के फ़ेंक दिया जाता है.
नायक इन सब स्थितियों से संघर्ष करता है और अर्जुन की
आँख की तरह अपने उद्देश्य और लक्ष्य पर कायम रहता है और
फ़िल्मी फार्मूलों के हिसाब से अंत में विजय उसकी ही होती है.
जावेद अख्तर के बोल हैं और आर डी बर्मन का संगीत. इसे
शैलेन्द्र सिंह और साथियों ने गाया है. अब ये इजिप्ट की राजधानी
वाले मामा है या केरोसीन वाले या आप पता लगाइये.
गीत के बोल:
हे मामैया केरो केरो
केरो मामा केरो मामा
मामैया केरो केरो
केरो मामा केरो मामा
दुनिया माने बुरा तो गोली मारो
गोली मारो
डर के जीना हैं कोई जीना यारो
गोली मारो
दुनिया माने बुरा तो गोली मारो
हो डर के जीना हैं कोई जीना यारो
गोली मारो
यारों पे सदा जान करो फिदा
दुश्मन को ये बता दो दुश्मनी हैं क्या
दुनिया माने बुरा तो गोली मारो
गोली मारो
डर के जीना हैं कोई जीना यारो
गोली मारो
यारों पे सदा जान करो फ़िदा
दुश्मन को ये बता दो दुश्मनी हैं क्या
मामैया केरो केरो
केरो मामा केरो मामा
मामैया केरो केरो
केरो मामा केरो मामा
जब चल पड़े हम तो रुकते नहीं
आंधी के आगे भी झुकते नहीं
जब चल पड़े हम तो रुकते नहीं
आंधी के आगे भी झुकते नहीं
सर झुकाए जो हांर जाये जो
वो आदमी भी कोई आदमी हैं क्या
दुनिया माने बुरा तो गोली मारो
गोली मारो
डर के जीना हैं कोई जीना यारो
गोली मारो
यारों पे सदा जान करो फ़िदा
दुश्मन को ये बता दो दुश्मनी हैं क्या
घर ने जो दिल से निकाला हुए
इन रास्तो ने हैँ पाला हमे
घर ने जो दिल से निकाला हुए
इन रास्तो ने हैँ पाला हमे
मुस्कुरा के हम झेलते हैं ग़म
रोके जिसे वो कोई ज़िन्दगी है क्या
दुनिया माने बुरा तो गोली मारो
गोली मारो
डर के जीना हैं कोई जीना यारो
गोली मारो
यारों पे सदा जा करो फ़िदा
मामैया केरो केरो
केरो मामा केरो मामा
मामैया केरो केरो
केरो मामा केरो मामा
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Mamaiya kero kero-Arjun 1985
Artists: Sunny Deol, Raja Bundela
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