अपने भैया को नाच नचाऊँगी-बंधन १९४०
प्रथम महिला संगीत निर्देशक सरस्वती देवी हैं. ये बात
अब पुरानी हो चुकी है और ये श्रेय किसी और के खाते
में चला गया है. ये बात अभी भी तथ्य है कि स्थापित
संगीतकारों में सरस्वती देवी ही प्रथम महिला संगीतकार
हैं.
अब तो जानकारियां पुरानी सभ्यता की चीज़ों की तरह
यहाँ वहाँ से बाहर निकल रही हैं और उस जानकारी को
बांटने के लिए जनता वैसे ही बेताब है जैसे चूहे को
चिंदी मिल जाती है तो वो सारे शहर में ढिंढोरा पीटता
फिरता है कि वो दर्जी बन गया. इस जानकारी के उबाल
और उफान में इतना समय नहीं बचा कि पानी पीने के
१०० तरीकों पर बना अनुसंधानात्मक वीडियो देख सकें.
सुनते हैं फिल्म बंधन से के गाना लीला चिटनिस और
सुरेश का गाया हुआ. इस कवि प्रदीप ने लिखा है.
गीत के बोल:
अपने भैया को नाच नचाऊँगी
नाच नचाऊँगी
अपने भैया को नाच नचाऊँगी
नाच नचाऊँगी
सारी दुनिया में धूम मचाऊँगी
नाच नचाऊँगी
अपने भैया को नाच नचाऊँगी
नाच नचाऊँगी
देखो मान जावो दीदी न छेड़ो मुझे
मैं जरूर सिंगार सजाऊँगी
नाच नचाऊँगी
तुमसे न बोलूँ
क्यूँ मेरे भैया
हरगिज़ न बोलूँ
सुनो तो भैया
नाचते थे कृष्ण कन्हैया
तुम भी नाचो
घूँघट को काढ़ मैं डिम-डिम-डिम डमरू बजाऊँगी
नाच नचाऊँगी
अपने भैया को नाच नचाऊँगी
नाच नचाऊँगी
लहंगा पहनाऊँगी चुनरी ओढाऊँगी
दीदी बुरी मेरी दीदी बुरी
झूमर पहनाऊँगी कंगन पहनाऊँगी
दीदी बुरी ये मेरी दीदी बुरी ये
रुनुन झुनुर झुनुर झाँझर पहनाऊँगी
माथे पे बिंदिया लगाऊँगी
नाच नचाऊँगी
अपने भैया को नाच नचाऊँगी
नाच नचाऊँगी
दीदी तुम शैतानी करो ना
अपनी ही मन-मानी करो ना
तुम भी आना-कानी करो ना
भैया आना-कानी
वरना कान ऊमेठूँगी मैं तेरे
वरना कान ऊमेठूँगी मैं और
हल्की सी चपत जमाऊँगी
नाच नचाऊँगी
अपने भैया को नाच नचाऊँगी
नाच नचाऊँगी
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Apne bhaiya ko naach nachaoongi-Bandhan 1940
Artists: Leela Chitnis, Suresh
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