भरो मांग मेरी भरो-सबसे बड़ा खिलाड़ी १९९५
सबसे बड़ा खिलाडी से. इससे पहले मांग किसी गीत में
पहली ही पंक्ति में शायद नहीं भरी गई थी. इस गीत की
दूसरी पंक्ति मांग पूरी करो पर आ जाती है.
भरो शब्द के बाद कुछ सेकण्ड का सन्नाटा एक बार को
कन्फ्यूज कर देता है क्या भरने की मांग हो रही है इसमें.
देव कोहली का गीत है और राजेश रोशन का संगीत. यह
गान किसी ज़माने में टी वी के चैनलों पर दिखाई दे जाता
था.
इनिग्मा के बड़े फैन लगते हैं राजेश रोशन. हम भी हैं, और
जिधर से ये धुन आई है आप उसके वीडियो को देखेंगे तो
आपको अधिक आनंद आएगा-मिया कल्पा. हिंदी गाने में
हालांकि काफी कुछ चीज़ें जोड़ी गई हैं उसे देसी पब्लिक के
पचाने लायक बनाने के लिए.
पचाने से याद आया सेब खाने का नायब तरीका इस गीत से
सीख सखते हैं आप.
देव कोहली के बोल हैं और इसे ज्योति संग अभिजीत ने गाया
है. ये जो गायिका ज्योति हैं उनके और गीत मुझे सुनने को
नहीं मिले.
गीत के बोल:
भरो मांग मेरी भरो चलो प्यार मुझे करो
अंग से अंग लगा के प्रेम सुधा बरसा दे
दासी तेरी प्यासी रही कितने जनम
भरो मांग मेरी भरो चलो प्यार मुझे करो
बिन तेरे मेरा कोई और नहीं
मेरे प्यार की ये कच्ची डोर नहीं
पिया ले के मन की कली
तेरी पूजा करने चली प्रियतमा
भरो मांग मेरी भरो चलो प्यार मुझे करो
अंग से अंग लगा के प्रेम सुधा बरसा दे
दासी तेरी प्यासी रही कितने जनम
भरो मांग मेरी भरो चलो प्यार मुझे करो
दिल मेरा है तेरा ये जान ले
मेरी दीवानगी पहचान ले
सांस रुक भी गई जो सनम
ले के आऊँगा फिर मैं जनम प्रियतमा
भरो मांग मेरी भरो करो प्यार मुझे करो
अंग से अंग लगा के प्रेम सुधा बरसा दे
तेरे लिए बेचैन था कितने जनम
भरो मांग मेरी भरो हूँ करो प्यार मुझे करो
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Bharo maang meri bharo-Sabse bada khiladi 1995
Artists: Akshya Kumar, Mamta Kulkarni
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