Aug 20, 2018

झूठे हैं सब सपने सुहाने-रतन १९४४

वाह वाह करते करते हम कई बार कई चीज़ों को अनदेखा
कर देते हैं. यूँ भी होता है १० लोगों ने वाह वाह की तो
आपने भी जबरन वाह वाह कर दी. सामाजिक मजबूरी के
चलते या इस वहम से कि आपने तारीफ नहीं की तो आप
मूर्ख समझे जायेंगे. अपने आप को प्रगतिशील बतलाने के
लिया कई बार आपको कौवे के साथ कांव कांव भी करना
पड़ती है.

इसे ऐसे समझिए, शास्त्रीय संगीत के किसी कार्यक्रम में
बैठे दर्शक एक दूसरे को देख के जबरन सर हिलाते हैं
और वाह वाह भी करते हैं. इनमें कुछ होशियार दर्शक
भी होते हैं जिन्हें जानकारी होती है शास्त्रीय संगीत की.

आज भी दूरदर्शन के चैनलों पर ढेर शास्त्रीय संगीत और
नृत्य के कार्यक्रम आते हैं, कितने लोग देखते हैं ? न्यूज़
चैनल और सास-बहू के दर्शकों के अलावा बिरले ही हैं जो
नृत्य और गायन-वादन के कार्यक्रमों में रूचि लेते हैं.

सालों से वाह वाह करने का उद्योग चला आ रहा है. ये
सभी क्षेत्रों में सक्रिय है. फिल्म लाइन में भी है और ये
कभी खत्म ना होने वाली बीमारी है. पेड समीक्षा के बारे
में हमने काफी समय पहले सुन था. पेड न्यूज़ .तो अब
आम बात हो चली है. लाइक्स खरीदे जाते हैं, वीडियोज़
के व्यूज़ खरीदे जाते हैं.

आप जो उचक-कूद के इन्स्टाग्राम नाम के ग्राम पर जो
सेलिब्रिटीज के ठुमके झुमके देखते हैं उसके लिए आपको
तो ठेंगा मिलता है उन्हें हज़ारों लाखों रूपये मिलते हैं. 

सुनते हैं रतन फिल्म से मंजू की आवाज़ में एक और गीत.
दीनानाथ मधोक लेखक हैं और नौशाद संगीतकार.



गीत के बोल:

झूठे हैं सब सपने सुहाने
झूठे सब सपने सुहाने झूठे हैं
झूठे हैं सब सपने सुहाने
झूठे सब सपने सुहाने झूठे हैं

मूरख मन कछु जाने सपने सुहाने
मूरख मन कछु जाने सपने सुहाने
झूठे हैं सब सपने सुहाने
झूठे सब सपने सुहाने झूठे हैं

जो जो सुख तक़दीर में नहीं होते
मिल जाते हैं सोते सोते
जो जो सुख तक़दीर में नहीं होते
मिल जाते हैं सोते सोते
जब जागे दिल बात बात पर ढूँढे है
रोने के बहाने
झूठे हैं
जब जागे दिल बात-बात पर ढूँढे है
रोने के बहाने
झूठे हैं सब सपने सुहाने
झूठे सब सपने सुहाने झूठे हैं

जो दिल ले कर आँख चुराते हैं
आप सपन में मिलने आते हैं
जो दिल ले कर आँख चुराते हैं
आप सपन में मिलने आते हैं
दिल चाहे लम्बा हो सपना
फिर कब मिलें पिया कौन जाने
झूठे हैं
दिल चाहे लम्बा हो सपना
फिर कब मिलें पिया कौन जाने

झूठे हैं सब सपने सुहाने
झूठे सब सपने सुहाने झूठे हैं
 मूरख मन कछु जाने सपने सुहाने
मूरख मन कछु जाने सपने सुहाने
झूठे हैं सब सपने सुहाने
झूठे सब सपने सुहाने झूठे हैं
………………………………………
Jhoothe hain sab sapne suhane-Ratan 1944

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