सच्चा है गर प्यार(धीमा)-झुक गया आसमान १९६८
का धीमा और कानों को सुकून देने वाला संस्करण.
इसे भी शैलेन्द्र ने लिखा है. एक ही अंतरे को ले कर
गीत का निर्माण किया गया है. सीमें प्यानो का कमाल
सुनाई देता है जिसकी सिद्धहस्तता लिए शंकर और
जयकिशन दोनों जाने जाते थे. कुछ गानों में तो
मेस्मेराइज़िंग टुकड़े हैं प्यानो के.
गीत के बोल:
सच्चा है गर प्यार मेरा सनम
होगे जहां तुम वहाँ होंगे हम
ये धड़कनें भी अगर जायें थम
जब भी पुकारो सदा देंगे हम
क्यूँ न सात आसमान आयें अपनी राह में
क्यूँ न सात आसमान आयें अपनी राह में
साया बन के साथ हूँ मैं तुम्हारी चाह में
मर के रुकेंगे न अब ये क़दम
होगे जहां तुम वहाँ होंगे हम
सच्चा है गर प्यार मेरा सनम
होगे जहां तुम वहाँ होंगे हम
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Sachcha hai pyar(slow)-Jhuk gaya aasman 1968
Artists: Rajendra Kumar
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