दिलवर दिलवर कहते-हसीना मान जायेगी १९६८
मेरा मतलब डबल रोल में हैं. ऐसी फिल्मों में दोनों के
बीच संवाद होते तो दिखलाया जाता है मगर गाने हों
ज़रूरी नहीं. ऐसे गाने फिल्माने के लिए काफ़ी कसरत
करना पड़ती है फिल्मवालों को.
इस गीत में एक चेहरा शम्मी कपूर स्टाइल में अपने
शरीर को हिला रहा है. नायिका भी करीब करीब उसी
अंदाज़ में हिल रही है. इतने हिलने डुलने पर भी मजाल
है सर पे लगा हुआ विग गिर जाये. नायिका के गले में
पद हार का रंग और ऊपर छत पे लटके झूमर का
रंग मेल खाता है. बताइए, लोग कहते हैं फिल्मवाले
मेहनत नहीं करते.
एल्विस प्रेस्ली अंदाज़ में सफ़ेद कोट वाला जब स्टेज के
नीचे कूदता है तब गिटार उड़नछू हो जाता है. ऐसा जादू
कैसे कर लेते हो तुम लोग कुछ दर्शकों को भी बतलाओ.
सफेद कोट वाला विलायती शहनाई को मुंह से चिपकाये
हुए गुलाटी लगाता है और शहनाई की आवाज़ में कोई
फर्क नहीं आता. ये काम तो केवल एक ही जीव ही इतने
अच्छे से कर सकता है और वो आप जानते हैं कौन सा
है जो लोट लगाने के लिए फेमस है.
एक और गीत जिसमें गुलाबी लिपस्टिक अपने पूरे शबाब
पर है. उसे उभारने के लिए गुलाबी टेबल लैम्प भी रख
दिया.
गीत के बोल:
दिलवर दिलवर कहते कहते हुआ दीवाना
आँख में मेरी झाँक दे देखो जाने जाना
कौन तुम्हारा अपना है और कौन बेगाना
ओ मेरी जान जरा पहचान
ओ मेरी जान जरा पहचान
दिलवर दिलवर सुनते सुनते हुयी दीवानी
हाय रे किस मंज़िल पे आ के रुकी कहानी
बोल मेरे दिल किससे है अब प्रीत निभानी
फंसी है जान फंसी है जान
फंसी है जान फंसी है जान
अब हुस्न इश्क का संगम हो जाने दे
आगोश में अपनी जानम खो जाने दे
यह मेल है दिल से दिल का कोई खेल नहीं
दो दिल ना अगर मिल जायें वह मेल नहीं
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ
मर गई मर गई अब क्या करूँ मैं
हाय रे मोहब्बत जी या मरूं मई
उससे मिलूं या इससे मिलूं मैं
हो ओ ओ ओ
फंसी है जान फंसी है जान
फंसी है जान फंसी है जान
ये जुल्फ़ तेरी आवारा हाय क्या कहना
मुझे लूट लिया दिलदारा हाय क्या कहना
जो प्यार करे ये उसका अंदाज नहीं
परवाने के जलने में आवाज़ नहीं
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ
कैसी मुश्किल आन पड़ी है
दोराहे पे प्रीत खड़ी है
इस जालिम से आँख लड़ी है
हो ओ ओ ओ
फंसी है जान फंसी है जान
फंसी है जान फंसी है जान
तेरी आँखे है या जालिम पैमाने है
तेरी एक बात में लाखों अफ़साने है
तू देख गौर से मुझको तेरा अपना हूँ
हर रात को तू जो देखे वो सपना हूँ
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ
हो एक है दिल और दो दीवाने
एक शाम और दो परवाने
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ
क्या होगा ये कोई ना जाने
हो ओ ओ ओ
फंसी है जान फंसी है जान
फंसी है जान फंसी है जान
दिलवर दिलवर कहते कहते हुआ दीवाना
अरे आँख में मेरी झाँक दे देखो जाने जाना
कौन तुम्हारा अपना है और कौन बेगाना
ओ मेरी जान जरा पहचान
फंसी है जान फंसी है जान
मेरी जान जरा पहचान
फंसी है जान फंसी है जान
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Dilvar dilvar kehte kehte-Haseena Maan jayegi 1968
Artists: Shashi Kapoor, Babita
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