Jan 2, 2019

तू बेमिसाल है-ब्रह्मचारी १९६८

जिन फूलों की महक की बात हो रही है उससे तो यही
लगता है नायिका ने सर में चमेली का तेल लगा रखा है.
सन १९६८ में डाबर आंवला केश तेल आता तो था मगर
हर जगह नहीं मिलता था. नवरत्न तेल वाले भी दावा
करते हैं काफ़ी पुराना होने की.

नायक तो बालों के पीछे ही पड़ गया है. कभी बाल के
बहाने तो कभी ज़ुल्फ़ के बहाने तारीफ किये जा रहा है.

भाव भंगिमाएँ बनाने में नारियों का जवाब नहीं. गीत को
ध्यान से देखने राजश्री के चेहरे पर भावों के अधिकाँश
प्रकार आपको देखने को मिल जायेंगे सिवा प्रणय भावों
के. गाने का फिल्मांकन बढ़िया है और आप चाहें तो इस
रात की काली सियाही में फुदकते रोमांस वाले गीत पर
पांच पन्ने का निबंध लिख सकते हैं. अजी सुन रहे हैं ना
गुड़-मक्खी ब्लॉग वाले.



गीत के बोल:

तू बेमिसाल है तेरी तारीफ़ क्या करूं
मस्ताना चाल है तेरी तारीफ़ क्या करूं
आँखों से पी रहा हूँ मुझे होश ही नहीं
तू बेमिसाल है तेरी तारीफ़ क्या करूं

आँखोँ में नशीला काजल है
चेहरे पे हया की लाली है
फूलों की महक है बालों में
फूलों की महक है बालों में
हर एक अदा मतवाली है

तू बेमिसाल है तेरी तारीफ़ क्या करूं
मस्ताना चाल है तेरी तारीफ़ क्या करूं
आँखों से पी रहा हूँ मुझे होश ही नहीं
तू बेमिसाल है तेरी तारीफ़ क्या करूं

ज़ुल्फों को अगर देखे सावन
सावन को पसीना आ जाये
गालों को अगर देखें बिजली
गालों को अगर देखें बिजली
बादल में शर्म से छुप जाये

तू बेमिसाल है तेरी तारीफ़ क्या करूं
मस्ताना चाल है तेरी तारीफ़ क्या करूं
आँखों से पी रहा हूँ मुझे होश ही नहीं
तू बेमिसाल है तेरी तारीफ़ क्या करूं

तू शोख हवा है गुलशन की
दामन से लिपटने आई है
ईमान जो ले ले दुनिया का
ईमान जो ले ले दुनिया का
क़ातिल वो तेरी अंगड़ाई है

तू बेमिसाल है तेरी तारीफ़ क्या करूं
मस्ताना चाल है तेरी तारीफ़ क्या करूं
आँखों से पी रहा हूँ मुझे होश ही नहीं
तू बेमिसाल है तेरी तारीफ़ क्या करूं
…………………………………………………
Too bemisaal hai-Brahmachari 1968

Artists: Shammi Kapoor, Rajshri

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