Jul 26, 2019

आँखों आँखों में-औरत १९५३

सन १९५३ की फिल्म औरत से एक और नायब गीत सुनते हैं
इसे बीना रॉय और प्रेमनाथ पर फिल्माया गया है. गीत कुछ
खास है इस मायने में कि ये खेमचंद प्रकाश, अनिल बिश्वास और
सी रामचंद्र के संगीत स्कूलों की दीवारों का स्पर्श करता चलता है.
गाने का मीटर, पैरामीटर, किलोमीटर सब कुछ वैसा ही है जैसा
५० के दशक के प्रमुख संगीतकार प्रयोग में लाया करते थे.

है ना दुर्लभ गीत जो तीन संगीतकारों की याद दिलाता है. वैसे इसे
सुन के मुझे तो विंटेज रोशन की याद भी आने लगती है.

हसरत जयपुरी के बोल हैं और शंकर जयकिशन का संगीत. गायिका
की आवाज़ तो आप पहचान ही गए होंगे.



गीत के बोल:


आँखों आँखों में
आँखों आँखों में तुमको छुपा के देख लिया
आँखों आँखों में
दिल की दुनिया में तुमको बुला के देख लिए
आँखों आँखों में

कसम वफ़ा की
कसम वफ़ा की तुम्हें हम भी पा के मानेंगे
कसम वफ़ा की तुम्हें हम भी पा के मानेंगे
हम अपने आप को तुमपे मिटा के मानेंगे
हम अपने आप को तुमपे मिटा के मानेंगे
तेरी उल्फत में
तेरी उल्फत में दिल को जला के देख लिया
आँखों आँखों में

तुम्हारे दर्द को दिल से लगाये बैठे हैं
तुम्हारे दर्द को दिल से लगाये बैठे हैं
नज़र का तीर कलेजे पे खाए बैठे हैं
नज़र का तीर कलेजे पे खाए बैठे हैं
कैसे भूलेंगे
कैसे भूलेंगे तुमको भुला के देख लिया
आँखों आँखों में

तुझे खबर नहीं
तुझे खबर नहीं रोज़े अजर पे शैदा हूँ
तुझे खबर नहीं रोज़े अजर पे शैदा हूँ
मेरा तो प्यार मज़हब निराले दुनिया हूँ
मेरा तो प्यार मज़हब निराले दुनिया हूँ
देखो देखो जी
देखो देखो जी दामन बचा के देख लिया
आँखों आँखों में
आँखों आँखों में तुमको छुपा के देख लिया
आँखों आँखों में
.................................................................
Aankhon aankhon mein-Aurat 1953

Artists: Premnath, Beena Rai

2 comments:

चांदनी सूरी,  July 27, 2019 at 7:22 PM  

कहाँ गायब हो जाते हैं जनाब ?

Geetsangeet August 10, 2019 at 7:58 PM  

अंग्रेजी वैद्यराज की सेवाएं लेने में व्यस्त थे.

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