राजा तेरे रस्ते से हट जाऊँगी-अब आयेगा मज़ा १९८३
गहरे हैं. अपनी छाप आनंद मिलिंद ने शुरू में छोड़ना शुरू
कर दिया था. इसके लिए बस आपको एक यही गीत सुन
लेना है. इसे एक ना एक बार आपने अवश्य ही सुना होगा.
प्रस्तुत गीत सत्तर के दशक के गीत सरीखा सुनाई देता है.
ओर्केस्ट्राईजेशन लक्ष्मी प्यारे की याद दिलाता है. वायलिन
के टुकड़ों में जो अलग किस्म के घुमाव हैं वो इशारा कर
रहे हैं कि बप्पी युग को भी पार कर के वो ९० के दशक
के लोकप्रिय संगीतकार बनने जा रहे हैं. चित्रगुप्त के गीतों
में बैस-ट्रेबल का बैलेंस हुआ करता था.
७० के दशक से गीतों में ट्रेबल बढ़ना शुरू हुआ जो लंबे
समय तक डी-जे युग आने तक चलता रहा. आनंद मिलिंद
ने शायद लक्ष्मी प्यारे के स्थान पर नज़र बना रखी थी. इस
सफर में उन्हें कई ऐसे बैनरों से काम मिलना शुरू हो गया
जो इसके पहले की संगीतकारों की पीढ़ी के साथ काम करते
आये थे.
गीत के बोल:
राजा तेरे रस्ते से हट जाऊंगी
गाडी के नीचे जा के
जा के कट जाऊँगी
राजा तेरे रस्ते से हट जाऊंगी
गाडी के नीचे जा के कट जाऊँगी
जाऊँगी तो फिर
जाऊँगी तो फिर मैं ना आऊँगी
गाडी के नीचे जा के कट जाऊँगी
राजा तेरे रस्ते से हट जाऊंगी
गाडी के नीचे जा के कट जाऊँगी
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
मेरा वादा है हाँ ये वादा है
काँटा बने के ना मैं तेरे दिल में चुभूंगी
मेरा वादा है हाँ ये वादा है
काँटा बने के ना मैं तेरे दिल में चुभूंगी
दिल ना जलाऊँगी मैं ना सताऊंगी
दिल ना जलाऊँगी मैं ना सताऊंगी
फिर ना तुम्हारी गली आऊंगी
गाडी के नीचे जा के कट जाऊँगी
राजा तेरे रस्ते से हट जाऊंगी
गाडी के नीचे जा के कट जाऊँगी
हो हो.. हो हो..
हटो जाने दो मुझे जाने दो
इस दुनिया में जी के मैं क्या करूंगी
हटो जाने दो मुझे जाने दो
इस दुनिया में जी के मैं क्या करूंगी
मैं मिट जाऊंगी मैं लुट जाऊंगी
मैं मिट जाऊंगी मैं लुट जाऊंगी
दुनिया से तेरी चली जाऊँगी
गाडी के नीचे जा के कट जाऊँगी
राजा तेरे रस्ते से हट जाऊंगी
गाडी के नीचे जा के कट जाऊँगी
कहाँ जाना था ये बहाना था
जहाँ जायेगा तू तेरे संग चलूंगी
कहाँ जाना था ये बहाना था
जहाँ जायेगा तू तेरे संग चलूंगी
सपने सजाऊँगी दुनिया बसाऊँगी
सपने सजाऊँगी दुनिया बसाऊँगी
दूर न तुझसे कभी जाऊंगी
गाडी के नीचे जा के.......
राजा मैं तो वापस पलट आऊंगी
बाहों में तेरी सिमट जाऊँगी
हो ओ बाहों में तेरी सिमट जाऊँगी
ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
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Raja tere raste se hat jaaongi-Ab aayega maza 1983
Artists: Farooq Sheikh, Anita Raj
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